विधायक को शहीद स्मारक कार्यक्रम में निमंत्रण नहीं देने पर जमकर किया बवाल।

विधायक को शहीद स्मारक कार्यक्रम में निमंत्रण नहीं देने पर जमकर किया बवाल।

जौनपुर। बदलापुर विधान सभा क्षेत्र के धनियामऊ शहीद स्मारक पार्क का कार्यक्रम वीडीओ के उपस्थिति में हो रहा था , खबरों को अगर सच माने तो इसका उद्घाटन जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह को करना था। इसी दौरान इसकी सूचना बदलापुर विधान सभा क्षेत्र के विधायक रमेश मिश्रा को मिली तो वह अपने दल बल के साथ मौके पर पहुंच कर जमकर बवाव ही नहीं कांटा बल्कि वहां पर पूजा पाठ के लिए रखे सामानों को देखकर बिफर गए। उनके तांडव के दृश्य का वीडियो वायरल होते ही जनपद में हड़कंप मच गया। इस संबंध में जब जानकारी के लिए विधायक रमेश मिश्रा से संपर्क किया गया तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इस पार्क में सोलर लाइट के लिए अपने निधि से धन दिया हूं और इस क्षेत्र का जनप्रतिनिधि मैं हूं और मुझे जिला प्रशासन द्वारा  सूचना ही नहीं दी गई। इसका लोकार्पण मैं करूगा कि डीएम व सीडीओ करेंगे।  फिलहाल विधायक रमेश मिश्रा के उदंडता के बाद कार्यक्रम स्थगित हो गया। सूत्रों की मानें तो जिला प्रशासन का कहना है कि यह किसी का निजी कार्यक्रम था जिला प्रशासन का इससे कोई लेना देना नहीं है। फिलहाल मामला जो भी रहा हो लेकिन विधायक के तांडव और प्रशासन के खिलाफ की गई बयानबाजी का चर्चा जोरों पर है।

मीडिया में यह खबर चलने के बाद विधायक रमेश मिश्रा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हमारी सरकार का शासनादेश है कि विधायको के क्षेत्र में क्षेत्र पंचायत, नगर पंचायत या उत्तर प्रदेश के किसी सरकारी विभाग द्वारा कार्य कराया जाता है तो उस क्षेत्र के विधायक का नाम शिलापट्ट में होगा, उद्घाटन या शिलान्यास में वह विधायक कार्यक्रम में मौजूद रहेगा। धनियांमऊ शहीद स्थल काफी पुराना है इस शहीद स्थल से बहुत लोगा अस्था है। इस शहीद स्थल के सौन्दरीकरण के लिए एक वर्ष पहले बीडीओ बदलापुर को पत्र लिखा था, मनरेगा के तहत सौन्दरीकरण काम पूरा हुआ,क्षेत्र पंचायत तहत एक गेट का निर्माण होना था, हमने एक सप्ताह पहले विधायक निधि से एक सोलर लाइट की स्थापना कराया था,मेरे मन एक संकल्प था जिस दिन इसका भब्य उद्घाटन करूंगा और शहीदो के परिवार वालों सम्मानित करूंगा, लेकिन संयोगवश मैं मेरे एक करीबी के निधन खबर मिली तो मै वहां जा रहा था जब मैने रास्ते में भीड़ देखा तो मैने बीडीओ से पुछा क्या मामला है उन्होने बताया कि कल शाम डीएम का फोन आया था कि कल मैं शिलान्यास करूंगा आप लोग फटाफट कार्यक्रम की तैयारी करिए मैने कहा कि ठीक है उसके बाद जाने लगा तो लोगो ने बताया कि शिलापट्ट पर आपका नाम नही है मै वापस आकर शिलापट्ट गद्दे को हटाकर खोजने लगा पत्थर गद्दे के नीचे मिला उस पर मेरा नाम नही था जो शासनादेश के खिलाफ है जिस पर मैने आपत्ति दर्ज किया मै इसकी शिकायत मुख्यमंत्री जी से करूंगा। 
अब देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती हैं।




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