जौनपुर । जनपद में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए जहां पूरे देश में मंदिरों को बंद किया जा रहा है और बाहर से ही लोगों को झाँकी दर्शन करने की इजाजत दी जा रही है। कहीं-कहीं मंदिर के गर्भ के बाहर से ही सिर्फ 5 लोगों को दर्शन की इजाजत दी जा रही है।
इसी को लेकर जिला प्रशासन द्वारा पूरे पूर्वांचल की शक्तिपीठ मां शीतला के दरबार में भी व्यवस्था की गई है। सोमवार से गर्भ ग्रह के अंदर लोगों का जाना पूरी तरह से वर्जित कर दिया गया है। बाहर से ही सिर्फ 5 लोग दर्शन करेंगे। इससे नाराज पंडा समुदाय के लगभग 300 लोगों ने आज मंदिर के बाहर बैठकर धरना प्रदर्शन किया और प्रशासन पर अनावश्यक से दबाव बनाने का भी आरोप लगाया।
मंदिर में पंडा का काम कर रहे आशीष माली का कहना है कि क्या सिर्फ रात में करोना निकलता है जो रात में बंदी कर दी गई है दिन में करोना कहां चला जाता है। हम लोग इसी मंदिर के भरोसे अपनी अजीविका चला कर परिवार का लालन पालन करते हैं मंदिर के भरोसे ही हम सभी का परिवार चल रहा है ऐसे में यदि मंदिर बंद कर दिया जाएगा तो हम लोग कैसे रहेंगे।
इस मामले को लेकर हम लोगों ने अधिकारियों को अवगत कराया तो उनका कहना है कि ऊपर से आदेश है सिर्फ पांच पांच लोग ही दर्शन करेंगे।मंदिर में काम करने वाले आदर्श उपाध्याय का कहना है कि प्रशासन नहीं सुन रहा है कम से कम पांच 10 लोग को अंदर जाने दिया जाए हम लोग सूद पर से पैसा कर्ज लेकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। हम अंदर नहीं जाएंगे तो हम लोग का परिवार कैसे चलेगा।
अरविंद पांडे का कहना है कि तीन रास्ते हैं तीनों को खोल दिया जाए जिससे लोग आसानी से आ जा सके एक ही रास्ते से दर्शन करने आए लोगों को करोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, वहां भीड़ इकट्ठा होगी हम लोगों का लगभग 300 से 400 परिवार यहां पर हैं जो धरने पर बैठे हुए हैं हम इनके साथ है। वह इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक शहर डॉ संजय कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए मंदिर में बढ़ रही भीड़ के कारण संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इस तरह की व्यवस्था की गई है। ऊपर से जारी शासनादेश का पूरी तरह से पालन कराया जाएगा।
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| फोटो साभार आशीष माली |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com


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