फर्जी आईपीएस अधिकारी बनकर रंगदारी मांगने वाला आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे

फर्जी आईपीएस अधिकारी बनकर रंगदारी मांगने वाला आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे

रायबरेली । रायबरेली पुलिस ने फर्जी  आईपीएस को गिरफ्तार किया है। एसपी श्लोक कुमार ने बताया कि आरोपी काफी दिनों से लोगों को धमकाकर रंगदारी मांग रहा था। पीड़ित की शिकायत पर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

आरोपी मिर्जापुर का रहने वाला है। इसके कब्जे से अवैध शस्त्र और कारतूस भी बरामद किया है। आरोपी को गिरफ्तार करके विधिक कार्रवाई के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।

पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है।उसके बाद इसने मेरे एक बनारस में रहने वाले रिश्तेदार का पता लगाकर उसे भी फोन किया और फर्जी मुकदमे फसाने धमकी देते हुए पैसे मांग लिए। 12 अप्रैल को आकाश श्रीवास्तव ने डरा धमकाकर मेरे साले सत्यमजय सिंह से भी 15 हजार रुपये का लेब्रा डॉग कुत्ता क्रय करवा लिया।

पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद तहकीकात शुरू की और इस अभियुक्त को जोकि मिर्जापुर का रहने वाला था इसे एक तमंचा, जिंदा कारतूस, 2 मोबाइल और कुछ रुपयों के साथ गिरफ्तार कर लिया। उसने डलमऊ पुलिस को भी कई बार आईपीएस बनकर फोन किया।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 16 अप्रैल 2022 को भूपेंद्र सिंह निवासी जिला मजरे नर उद्दीन थाना सलोन ने सलोन पुलिस को एक तहरीर दी कि 3 अप्रैल 2022 को मेरे मोबाइल पर एक व्यक्ति ने खुद को आईपीएस आकाश श्रीवास्तव बता कर फोन किया। उसने मुझ से 1 लाख रुपये की रंगदारी मांगी।

रंगदारी न देने पर फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी। दबाव बनाकर गूगल पे के माध्यम से 12 हजार रुपये ट्रांसफर भी करवा लिया। एसपी ने बताया कि आकाश श्रीवास्तव पुत्र जितेंद्र कुमार निवासी मिर्जापुर द्वारा ट्रूकॉलर पर अपना वास्तविक नाम परिवर्तित करके आयुष श्रीवास्तव आईपीएस के नाम से फीड किया गया था।

जिससे किसी व्यक्ति को कॉल करने पर ट्रूकॉलर ऐप में आकाश श्रीवास्तव आईपीएस दिखाई देता था। व्हाट्सएप पर भी उसने डीपी में पुलिस अकैडमी हैदराबाद का फोटो लगाया हुआ था और साथ ही कई वरिष्ठ अधिकारियों के फोटो इंटरनेट से डाउनलोड करके अपनी गैलरी में रखता था। यह सब दिखाकर वह लोगों को यह बताता था कि वह पुलिस में है। साभार टी. एम।

पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी आईपीएस

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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