आजमगढ़ । हत्या के एक मामले में लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे आजमगढ़ के रानी की सराय थाने पर तैनात निरीक्षक नंद कुमार तिवारी के खिलाफ अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है।
जज इंतेखाब आलम ने नंद कुमार तिवारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और 350 दंड प्रक्रिया संहिता की नोटिस जारी किया है। अगले माह का वेतन भी रोकने का भी आदेश है। अदालत ने एसपी आजमगढ़ को नंद कुमार तिवारी को साक्ष्य के साथ 28 जून को पेश कराने का आदेश दिया है।
मामला कुड़वार थाना क्षेत्र स्थित कैथन टोला गांव से जुड़ा है। कटावां निवासी रामप्रसाद ने 17 मार्च 2018 को मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक अभियोगी ने अपनी बहन प्रभावती की शादी कुड़वार थाना क्षेत्र के ही कैथन टोला निवासी रामबहादुर कोरी से कराई थी। जिनके चार बच्चे भी हैं। प्रभावती के जिंदा रहते रामबहादुर कोरी ने शीला नाम की महिला से दूसरी शादी कर ली।
दूसरी शादी करने के बाद वो पहली पत्नी को प्रताड़ित करने लगा। अभियोगी के मुताबिक उसकी बड़ी भांजी की शादी होनी थी। लेकिन रामबहादुर दूसरी पत्नी शीला के साथ मिलकर अक्सर बवाल ही करता रहता था। कुछ दिन बाद रामबहादुर कोरी और उसकी दूसरी पत्नी शीला ने मिलकर रस्सी से गला कसकर प्रभावती की हत्या कर दी।
कई पत्र जारी होने के बाद भी कोर्ट में नहीं हुए पेश प्रभावती के भाई रामप्रसाद की तहरीर पर आरोपी रामबहादुर और उसकी दूसरी पत्नी शीला के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ और उसी धारा में आरोप-पत्र भी दाखिल हुआ। विचारण एडीजे प्रथम की अदालत में चल रहा है। जिसमें लगभग सभी अभियोजन गवाहों का साक्ष्य हो चुका है। लेकिन मामले की विवेचना करने वाले कोतवाल नंद कुमार तिवारी कई पेशियों से लगातार गैरहाजिर चल रहे हैं। अदालत से उनके खिलाफ कई पत्र जारी हुए।
इस लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाते हुए जज इंतेखाब आलम ने गिरफ्तारी वारंट व 350 दंड प्रक्रिया संहिता की नोटिस जारी की है। अदालत ने उनका जुलाई माह का वेतन भी रोकने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ को इस मुकदमे में 28 जून के लिए नंद कुमार तिवारी को गवाही के लिए पेश कराने का आदेश दिया है। साभार ए. यू।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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