जौनपुर के लाल ने किया कमाल,देवांश ने बैडमिंटन डबल्स में राष्ट्रीय स्तर पर 28वीं रैंक किया हासिल

जौनपुर के लाल ने किया कमाल,देवांश ने बैडमिंटन डबल्स में राष्ट्रीय स्तर पर 28वीं रैंक किया हासिल

जौनपुर। जिले में खेलों के लिए अनुकूल माहौल भले ही न हो लेकिन प्रतिभाओं की कमी नहीं है। अपनी लगन और मेहनत के बल पर खिलाड़ी इतिहास रचने में जुटे हुए हैं। जेवलिन थ्रो में रोहित यादव के बाद अब बैडमिंटन में देवांश मौर्य उभर रहे हैं।

महज 16 वर्ष की उम्र में देवांश ने बैडमिंटन डबल्स में राष्ट्रीय स्तर पर 28वीं रैंक हासिल कर ली है। उनका सपना ओलंपिक में पदक जीतना है।
शहर के अहमद खां मंडी निवासी देवांश इंटर के छात्र हैं। इन दिनों वह लखनऊ के बाबू बनारसी दास बैडमिंटन एकेडमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

इंडोनेशियाई कोच एंड्रा मूलजया और भारतीय कोच मुकुल की निगरानी में वह रोजाना 6-8 घंटे कोर्ट पर पसीना बहा रहे हैं। हाल ही उन्होंने गोवा में आयोजित नेशनल स्पर्धा में पांचवीं रैंक के खिलाड़ी को हराकर मेडल जीता है। इसके पहले भी वह हरियाणा, पंजाब, दिल्ली सहित कई राज्यों में खेल कर मेडल जीत चुके हैं। पैरालंपिक गेम्स में मेडल जीतने वाले आईएएस सुहाल एल. वाई को आदर्श मानने वाले देवांश के पिता राधेश्याम उर्फ बाबा मौर्य भी बैडमिंटन के खिलाड़ी हैं।

शहर के इंग्लिश क्लब में वह अभी भी रोजाना पसीना बहाते हैं। उनके मार्गदर्शन में खेलकर ही कई खिलाड़ी आगे बढ़ चुके हैं। पेशे से शिक्षक राधेश्याम ने भी राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाओं में खूब मेडल जीते, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण वह आगे नहीं खेल सके। अब बेटा उनका सपना पूरा करने में जुटा हुआ है।

देवांश का कहना है कि खेलों के प्रति लोगों की सोच बदलने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ाने की भी जरूरत है। प्रतिभाओं को मौका मिलेगा तो वह जरूर आगे बढ़ेंगे। फिलहाल उनका सपना देश के लिए ओलंपिक का मेडल जीतना है। इसी लक्ष्य के साथ वह अभ्यास में जुटे हैं। पिता सहित परिवार ने जो भरोसा जताया है, उस पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे। साभार ए. यू।

फाइल फोटो 

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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