देवरिया। जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जो हैरान करने वाला है। जिसे परिवार के लोगों ने मृत समझ नदी में प्रवाहित कर दिया था, वह पंद्रह साल बाद घर लौट आया।
उसे देखते ही घर के लोग भी कुछ देर के लिए हैरान हो गए। उन्हें विश्वास होने में थोड़ा समय लगा। उसके बाद परिजनों के खुशी का ठिकाना नहीं था। आज का दिन उनके लिए किसी त्योहार से कम नहीं था। अपने बेटे को अपने बीच देख परिवार के लोग खुशी के आंसू रोक नहीं पाए।
जानकारी के मुताबिक, मईल थाना क्षेत्र के जिरासो गांव के मुरासो टोला निवासी रामसुमेर यादव के दस वर्षी बेटा अंगेश यादव को 15साल पहले सर्प ने दंश लिया था। इसके बाद परिजनों ने उसे बचाने का बहुत प्रयास किया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने उसे केले के तने में रखकर नदी में प्रवाहित कर दिया।
अंगेश यादव ने बताया कि जब उसे होश आया तो वह पटना था। एक सपेरे ने मुझे झाड़ फूंक कर ठीक कर दिया। फिर उसके साथ जगह-जगह तमाशा दिखाना शुरु कर दिया। मैं कुछ दिन तक कटिहार व अमृतसर तक रहा। फिर सपेरे ने मेरी शादी के लिए दबाव बनाना शुरु कर दिया। मैं वहां से भाग निकला। ट्रक से आजमगढ़ पहुंचा। आजमगढ़ से बेल्थरा रोड आया।
अंगेश के परिजन उसे लेने बेल्थरा रोड गये। जिस कपड़े में उसे प्रवाहित किया गया था। वह कपड़ा अंगेश के पास था। मनियर पुलिस ने सुपुर्दगी लिखवाकर उसे घर के लिए रवाना किया। साभार वन इंडिया।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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