जौनपुर। खुटहन थाना क्षेत्र के उसरौली शहाबुद्दीनपुर गांव में नवजात बच्ची को गड्ढे में फेंकने और खरपतवार से ढक देने के मामले में पुलिस ने सोमवार की रात अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। गांव निवासी देवमणि यादव की तहरीर पर यह कार्रवाई हुई है।
पुलिस आरोपी का पता लगाने में जुटी है। पुलिस के मुताबिक, जौनपुर जिले में 163 साल (आईपीसी की धारा 317, जो 1860 में बनी थी) के इतिहास में पहली बार किसी नवजात शिशु को फेंकने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है।
उसरौली शहाबुद्दीनपुर गांव में रविवार की सुबह करीब आठ बजे खर पतवार फेंकने वाले गड्ढे में मासूम की आवाज ग्रामीणों ने सुनी। तहरीर देने वाले देवमणि के अनुसार, मौके पर पहुंचकर देखा तो एक बच्ची रो रही थी। उसे उपचार के लिए ले जाया गया। बाद में चाइल्ड केयर में भेज दिया गया। सोमवार की रात पुलिस ने देवमणि की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। प्रभारी निरीक्षक योगेंद्र सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। बच्ची को फेंकने वाले के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
इनसेट
नवजात बच्ची को फेंकने के मामले में अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में पिछले 163 साल के इतिहास में यह पहला मुकदमा होगा, यह कहना मुश्किल है। हो सकता है पूर्व में मुकदमा दर्ज हुआ हो, जिसकी जानकारी मुझे नहीं है।
दोषी को हो सकती है सात वर्ष की सजा
पुलिस के अनुसार, 12 वर्ष से कम आयु के शिशु का परित्याग करते हुए किसी स्थान पर छोड़ देना भारतीय दंड संहिता में दंडनीय अपराध है। आईपीसी की जिस धारा में मुकदमा दर्ज हुआ है, उसमें आरोपी को सात वर्ष की सजा का प्रावधान है। पुलिस शहाबुद्दीनपुर व आसपास के गांवों में जांच कर रही है। साभार ए यू।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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