जौनपुर। धनंजय सिंह ने फेसबुक पर रामचरितमानस की एक चौपाई लिखी है - 'होइहि सोइ जो राम रचि राखा'। इसके मतलब निकाले जा रहे हैं वह भाजपा के करीब जा रहे हैं।
फेसबुक पर जौनपुर के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने इस चुनावी मौसम में चौंकाते जा रहे हैं। धनंजय सिंह ने फेसबुक पर रामचरितमानस की एक चौपाई लिखी है - होइहि सोइ जो राम रचि राखा। इसके मतलब निकाले जा रहे हैं वह भाजपा के करीब जा रहे हैं और जल्द कोई चौंकाने वाला ऐलान कर सकते हैं।
दरअसल, धनंजय की पत्नी श्रीकला रेड्डी को बसपा ने अपना प्रत्याशी घोषित किया था। जेल से छूट कर बाहर आने के साथ धनंजय सिंह ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया, लेकिन अचानक बसपा ने अपना अप्रत्याशी बदल दिया। बसपा का कहना था कि श्रीकला रेड्डी ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था लेकिन धनंजय सिंह का कहना था कि बसपा ने ही टिकट काटा था।
इसके बाद धनंजय सिंह शांत बैठ गए। अब उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी कि पिछले दिनों जो कुछ हुआ, उसका कोई मलाल नहीं है। उन्होंने अपने समर्थकों से भी कहा कि कोई निराश न हो, जल्द ही सही फैसला लिया जाएगा। उस पोस्ट पर धनंजय सिंह ने अपनी तस्वीर भी लगाई जिसमें उनके हाथ अभिनंदन की मुद्रा में जुड़े हुए हैं। तस्वीर पर उन्होंने लिखा है - होइहि सोइ जो राम रचि राखा।
अब क्या करेंगे?
धनंजय सिंह ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि राजनीति में उतार चढ़ाव लगा रहता है। लोकतंत्र में एक राजनेता की ताकत उसके क्षेत्र की जनता का समर्थन है। यह ताकत उन्हें हासिल है। उन्होंने लिखा है कि जौनपुर की जनता उन्हें हृदय से लगाकर रखती है तो वह भी हर परिस्थिति में अपनी जनता के साथ खड़ा रहने के लिए कटिबद्ध हैं। उन्होंने लिखा है कि निराश होने की जरूरत नहीं, जल्द ही सबके साथ बैठकर सही फैसला लिया जाएगा। उन्होंने लिखा है कि भगवान उन्हें जनता के हित में फैसला लेने की ताकत दें। धनंजय सिंह के पोस्ट के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कुछ लोगों के मुताबिक़ इस पोस्ट से साफ है वह अब प्रभु राम की शरण में हैं। संभावना जताई जा रही है कि धनंजय सिंह का अगला कदम भगवा पार्टी की ओर बढ़ सकता है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि धनंजय सिंह की भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात हुई है।
क्या हुआ था पहले?
दरअसल, पहले धनंजय सिंह ने जौनपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का इरादा जताया था, लेकिन अपहरण के एक मामले में उन्हें जेल हो गई। हालांकि बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट से उन्हें जमानत भी मिल गई लेकिन उनके जेल में रहने के बीच बसपा ने उनकी पत्नी को श्रीकला रेड्डी को जौनपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बना दिया। अचानक पता नहीं क्या हुआ कि बसपा ने नामांकन के आखिरी दिन पूर्व सांसद श्याम सिंह यादव को प्रत्याशी घोषित कर दिया। बसपा ने कहा कि श्रीकला रेड्डी ने खुद चुनाव लड़ने से मना कर दिया। हालांकि जेल से बाहर आए धनंजय सिंह ने कहा कि बसपा ने खुद इनकी पत्नी का टिकट काटा है। साभार एनटी।
फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
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