Succes Story: चंद्रज्योति सिंह की सफलता की कहानी UPSC की दुनिया में एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करती है. 2019 में यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम में 28वीं रैंक प्राप्त कर IAS बनने का सपना पूरा करने वाली चंद्रज्योति ने यह सफलता मात्र 22 वर्ष की उम्र में अपने पहले प्रयास में प्राप्त की.
यह एक अद्वितीय उपलब्धि है, जो उनके कठिन परिश्रम और समर्पण को दर्शाती है.
बचपन से देश सेवा की प्रेरणा
चंद्रज्योति का देश सेवा के प्रति जुनून बचपन से ही उनके परिवार की वजह से विकसित हुआ. उनके पिता, दलबरा सिंह, एक रिटायर्ड आर्मी रेडियोलॉजिस्ट हैं और उनकी माता, मीना सिंह, सेना में सेवा दे चुकी हैं. इस पारिवारिक पृष्ठभूमि ने चंद्रज्योति को प्रेरित किया कि वे भी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का हिस्सा बनें.
बिना कोचिंग सेल्फ स्टडी से क्रैक किया UPSC
चंद्रज्योति ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई समाप्त करने के बाद एक साल का ब्रेक लिया और UPSC की तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने इस महत्वपूर्ण परीक्षा की तैयारी के लिए किसी भी कोचिंग संस्थान का सहारा नहीं लिया और पूरी तरह से सेल्फ स्टडी पर भरोसा किया. वे प्रतिदिन 6 से 8 घंटे पढ़ाई करती थीं और परीक्षा के नजदीक आते ही यह समय बढ़ाकर 10 घंटे या उससे अधिक कर दिया.
UPSC क्रैक करने के लिए कैसे की तैयारी?
चंद्रज्योति की सफलता की एक और महत्वपूर्ण वजह उनकी प्रभावशाली रणनीति थी. उन्होंने सलाह दी कि किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए एक मजबूत योजना बनाना आवश्यक है. अगर आप अपनी तैयारी को सरल और व्यवस्थित रखते हैं और अपनी बनाई रणनीति पर टिके रहते हैं, तो सफलता निश्चित रूप से आपके कदम चूमेगी. उनकी यह सफलता कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो UPSC या किसी अन्य कठिन परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. कामयाबी की ओर बढ़ने के लिए धैर्य, मेहनत, और आत्म-विश्वास जरूरी हैं. कठिनाइयाँ आएँगी, लेकिन मजबूत इरादा और निरंतर प्रयास सफलता की कुंजी हैं. सपनों को सच करें. साभार इंडिया.कॉम।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com
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