10 हजार रुपये रिश्वत लेते लेखपाल को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों किया गिरफ्तार

10 हजार रुपये रिश्वत लेते लेखपाल को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों किया गिरफ्तार

अंबेडकरनगर । जनपद के जलालपुर तहसील की एक महिला से रिपोर्ट लगाने के एवज में लेखपाल ने 10 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। शुक्रवार को तहसील परिसर के सामने एक कैफे में महिला से रुपये लेते समय एंटी करप्शन टीम ने लेखपाल को रंगे हाथ दबोच लिया।

टीम लेखपाल को लेकर बसखारी थाने पहुंची। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

जलालपुर तहसील क्षेत्र के बसिया गांव की इंदुमती पत्नी राम धीरज का मकान का कुछ हिस्सा चकरोड में समाहित है। बताया गया कि गांव के ही कुछ लोगों ने ऑनलाइन इसकी शिकायत की थी। इसी शिकायत के निस्तारण के लिए लेखपाल अरुण यादव ने इंदुमती से 20 हजार रुपये की मांग की। लेकिन, इंदुमती ने गरीबी का हवाला देते हुए 10 हजार रुपये देने की बात कही। इसके बाद भ्रष्टाचार निवारण संगठन अयोध्या मंडल में लेखपाल की शिकायत कर दी।

तहसील गेट के सामने एक कैफे में पकड़ा गया

शिकायत पर एंटी करप्शन टीम के प्रभारी निरीक्षक अनिल सिंह व प्रमोद शुक्ला पूरी टीम के साथ तहसील के आसपास अपना जाल बिछाया। प्लान के मुताबिक शिकायतकर्ता इंदुमती ने लेखपाल से संपर्क कर पैसा लेने की बात कही। बात होने के बाद लेखपाल तहसील गेट के सामने एक कैफे में पहुंच गया। वहां पहले से मौजूद इंदुमती ने लेखपाल को पैसा पकड़ा दिया।

पैसा पकड़ते ही एंटी करप्शन की टीम ने लेखपाल को दबोच लिया। इस बीच लेखपाल ने भागने का प्रयास भी किया, लेकिन एंटी करप्शन की टीम ने मजबूती के साथ लेखपाल को अभिरक्षा में लेकर घूस के 10 हजार रुपये बरामद कर लिए। खबर फैलते ही तहसील परिसर समेत अन्य कर्मियों में भी हड़कंप मच गया।

इसके बाद एंटी करप्शन की टीम ने एसडीएम पवन कुमार जायसवाल को सूचना दी। लेखपाल को गिरफ्तार कर बसखारी थाने पहुंची। शिकायतकर्ता इंदुमती के बयान दर्ज करके टीम ने आरोपी लेखपाल अरुण यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत करवाया है।

2011 बैच का है लेखपाल

अरुण यादव 2011 बैच के लेखपाल के पद पर भर्ती हुआ थे। वर्ष 2019 से जलालपुर तहसील में उसकी तैनाती थी। बड़ागांव हल्के के अलावा बसिया, उसरहा हल्कों का प्रभार भी इसी के पास था। तहसील में अपनी कार्यशैली के लिए काफी समय से चर्चा में था। काम की जानकारी होने के चलते अधिकारी भी इसे ही पैमाइश व अन्य कार्यों में लगाते थे। कई लेखपाल बसखारी थाने पर सिफारिश करने पहुंचे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उधर, घटना के बाद से लेखपाल का कथित मुंशी मोबाइल स्विच ऑफ कर लापता हो गया है।

एसडीएम जलालपुर पवन जायसवाल ने बताया कि एंटी करप्शन टीम की ओर से रिपोर्ट अभी मिली नहीं है। रिपोर्ट मिलते ही लेखपाल को निलंबित किया जाएगा। साथ ही वृहद जांच कर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। साभार ए यू।

अरुण यादव,लेखपाल,फाइल फोटो 

रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com

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