इस IPS अधिकारी की कहानी बहुत प्रेरणा दायक है ,पिता की हुई हत्या,फिर भी नही खोया हौसला,फीस के लिए बेचा अनाज

इस IPS अधिकारी की कहानी बहुत प्रेरणा दायक है ,पिता की हुई हत्या,फिर भी नही खोया हौसला,फीस के लिए बेचा अनाज

बस्ती। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. हर साल लाखों स्टूडेंट्स इसमें सफलता पाने के लिए प्रयास करते हैं, लेकिन कुछ को ही कामयाबी मिलती है.

ऐसे में चलिए हम आपको एक ऐसे यूपीएससी कैंडिडेट के सफर के बारे में बताते हैं, जिन्होंने अपने पिता की हत्या के बाद भी हौसला नहीं खोया और उनके सपनों को पूरा करने के लिए यूपीएससी क्रैक करने करने का फैसला लिया. हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के बजरंग प्रसाद यादव की. जिन्होंने जीवन में लाख चुनौतियों, असुविधाओं और संसाधनों की कमी होने के बावजूद यूपीएससी सिविल सर्विस की परीक्षा में टॉप किया और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की सूची में अपना नाम शुमार किया. बता दें, बजरंग के पिता का सपना था कि उनका बेटा अधिकारी बनें. अपने पिता के इसी सपने को पूरा करने और पिता के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए बजरंग ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस बनने का फैसला लिया था.

अनाज बेच दी फीस
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के रहने वाले बजरंग प्रसाद यादव का सफर आसान नहीं था. साल 2014 में जब वो 10वीं क्लास में थे, तभी कुछ हत्यारों ने उनके पिता की हत्या कर दी. पिता ही हत्या ने उन्हें हिला कर रख दिया था. परिवार की आर्थिक स्थिति भी काफी खराब हो गई थी. उनके ऊपर दुखों के पहाड़ के साथ परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी, लेकिन बजरंग प्रसाद ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने उस मुश्किल समय में अपना हौसला नहीं खोया और अपनी पढ़ाई चालू रखी. पैसों की दिक्कत के कारण उन्होंने ट्यूशन फीस देने के लिए घर का अनाज तक बेच दिया था. लाख मुश्किलों के बावजूद बजरंग ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और ग्रेजुएशन पूरा किया.

तीसरे अटेंप्ट में मिली सफलता
ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. शुरुआत के 2 अटेप्ट में उन्हें असफलता मिली, लेकिन उन्होंने अपना हौसला बुलंद रखा और मेहनत करते चले गए. निरंतर मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम रहा कि उन्होंने साल 2022 में अपने तीसरे अटेंप्ट में यूपीएससी की परीक्षा में 454वीं रैंक हासिल की. यह सफलता उनके साथ-साथ उनके परिवार के लिए काफी गौरवान्वित था. इसके साथ ही बजरंग प्रसाद यादव की सफलता उन लाखों स्टूडेंट्स के लिए एक प्रेरणा है, जो जीवन की कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मेहनत करते हैं.जानकारी के मुताबिक, बजरंग प्रसाद बस्ती जिले के धोबहट गांव के निवासी हैं.साभार जी मीडिया.

बजरंग प्रसाद,फाइल फोटो 

रिपोर्ट:अमित कुमार सिंह
एडिटर इन चीफ(परमार टाईम्स)
parmartimes@gmail.com

0/Post a Comment/Comments

أحدث أقدم