मेरे भाई के मौत का जिम्मेदार ' चिकित्सक ' बेलाल जानी पत्रकार

मेरे भाई के मौत का जिम्मेदार ' चिकित्सक ' बेलाल जानी पत्रकार

 

जौनपुर ।  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक द्वारा इलाज में लापरवाही बरतने के दौरान पत्रकार के भाई व सपा नेता की गई थी जान, चिकित्सक के खिलाफ मुख्यमंत्री समेत जिले के संबंधित अधिकारियों के यहां प्रार्थना पत्र देकर जांच कराए जाने की मांग की गई है।

नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला उर्दू बाजार के निवासी वरिष्ठ पत्रकार बेलाल जानी ने पत्र लिखा है कि एक दिसंबर 2020 को उनके भाई मुस्लिम उर्फ हीरा महाराजगंज से रात्रि लगभग आठ बजे एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होकर वहां से अपने मित्र के साथ वापस आते समय बक्सा थाना क्षेत्र के ब्राह्मणपुर बरगंडी गांव के पास सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे।

स्थानीय लोगों के सहयोग से नौपेडवा बाजार में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया था जहां पर मौजूद चिकित्सक डॉ.आलोक रघुवंशी द्वारा घायल मुस्लिम उर्फ हीरा का ना तो चिकित्सकीय परीक्षण किया गया और ना ही सर में लगी चोटों पर न तो टांका लगाया गया था और न ही पट्टी बांधी गई थी, जिसके कारण लगातार खून बहता रहा था, ड्यूटी पर मौजूद रहे चिकित्सक ने बड़ी लापरवाही से एक कागज पर जिला अस्पताल के लिये रेफर कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्ति पा लिया।

चिकित्सक द्वारा घायल को जिला अस्पताल ले जाने के लिए ना तो कोई एंबुलेंस की व्यवस्था कराई गई और ना ही समुचित उपचार किया गया। जिसके कारण खून का बहाव जारी रहा, घटना की जानकारी जैसे ही परिवार के लोगों को हुई तो तत्काल ही पत्रकार बेलाल जानी अपने सहयोगियों के साथ वहां पहुंचे तो देखा कि उनके भाई को स्टेचर पर बड़ी ही लापरवाही से लेटाया गया था, पत्रकार और उनके सहयोगियों द्वारा चिकित्सक से लापरवाही का कारण पूछा गया तो वह आपे से बाहर हो कर गाली गलौज और मारपीट पर उतारू हो गए।

चिकित्सक अपना आपा यहां तक खो दिए की घायल के परिजन व सहयोगियों को जान से मारने की धमकी तक दे डाली।

भाई और सहयोगियों द्वारा घायल मुस्लिम उर्फ हीरा को जिला अस्पताल लाया गया जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया, चिकित्सक द्वारा इलाज में घोर लापरवाही बरतना तथा अपने पद का दुरुपयोग करना यह जहां काफी शर्मनाक बात है। वही ऐसे चिकित्सक को सेवा के लिए इमरजेंसी में रहना समाज का कलंक माना जा रहा है।

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ऐसे ही कुछ चिकित्सक सरकारी संस्थानों में मौजूद हैं जिनके कारण सरकारी संस्थान बदनाम हो रहा है पत्रकार ने इस संबंध में सूबे के मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री समेत जिला अधिकारी वह मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर लापरवाह चिकित्सक के खिलाफ जांच कराए जाने व उनके खिलाफ कार्यवाही कराये जाने की मांग की है।

वहीं बातचीत के दौरान पत्रकार ने बताया कि अगर डॉक्टरों का यही हाल रहा तो सरकारी संस्थानों से लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा और लोगों के सर से भाई वा उनके घरों का चिराग इसी तरह बुझता रहेगा।

पत्रकार ने यह भी बताया है कि अगर चिकित्सक के खिलाफ जांच नहीं कराई गई तो वह न्यायालय का दरवाजा भी खट खटाएंगे।

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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