महोबा । जिले के समदनगर निवासी अधिवक्ता मुकेश कुमार पाठक के गोली मारकर आत्महत्या करने के मामले में मुख्य आरोपी ब्लॉक प्रमुख कबरई छत्रपाल यादव, उसके भतीजे विक्रम यादव और उनके परिजनों की मंगलवार को करोड़ों की संपत्ति कुर्क की गई।
गैंगस्टर के तहत डीएम के आदेश पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने ब्लॉक प्रमुख के दो होटल समेत अन्य संपत्तियों को कुर्क कर नोटिस चस्पा किया। भारी फोर्स के साथ पहुंचे एसडीएम व सीओ ने आसपास मुनादी भी कराई। डीएम सत्येंद्र कुमार ने गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोपी छत्रपाल यादव व भतीजे विक्रम सिंह निवासी गांधीनगर के खिलाफ 14 (ए) की कार्रवाई की है।
इसके तहत लगभग 45 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की गई। मंगलवार की दोपहर एसडीएम राजेश कुमार यादव, सीओ रामप्रवेश राय के साथ कई थानों का फोर्स और दो ट्रक पीएसी सबसे पहले चरखारी बाईपास मार्ग स्थित छत्रपाल के होटल पहुंची। यहां पहले मुनादी कराई गई। बाद में होटल की जांच कर कुर्की की कार्रवाई कर सीज किया गया।
साथ ही होटल के बाहर कुर्की की कार्रवाई का नोटिस चस्पा किया। इसके अलावा आरोपी छत्रपाल यादव के घर, कई स्थानों पर खरीदी गईं जमीनें व सुभाषनगर स्थित एक अन्य होटल भी सीज किया गया। आरोपी छत्रपाल की सास ज्ञान देवी व पत्नी नीरज यादव की संपत्तियों को भी सीज किया गया है। कुर्की की कार्रवाई के दौरान होटल में मौजूद श्रमिकों व कर्मचारियों को बाहर निकाला गया।
कई माह से होटल में रहकर काम कर रहे कर्मचारी सामान लिए बाहर निकलते नजर आए। मालूम हो कि अधिवक्ता मुकेश कुमार पाठक ने 13 फरवरी की रात अपनी लाइसेंसी राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में ब्लॉक प्रमुख छत्रपाल यादव हमीरपुर जेल में निरुद्घ हैं, जबकि उसका भतीजा विक्रम यादव झांसी जेल और शेष पांच आरोपी महोबा जेल में बंद हैं। मामले की जांच एसआईटी कर रही है।
#ब्लॉक प्रमुख व परिजनों की कुर्क संपत्ति का ब्योरा
मुख्य आरोपी ब्लॉक प्रमुख कबरई छत्रपाल यादव के नाम दो चार पहिया वाहन व एक बाइक है, जबकि अचल संपत्ति में मोहल्ला आलमपुरा में 232 वर्ग मीटर भूमि, डहर्रा गांव में 0.599 हेक्टेयर भूमि, गांधीनगर में 348.52 वर्ग मीटर का प्लाट, कस्बा कबरई, महोबा व मुढ़हरा में अलग-अलग स्थानों पर भूमि और गुगौरा गांव में न्यू चौधरी ग्रेनाइट क्रशर प्लांट शामिल है। आरोपी की सास ज्ञानदेवी के नाम करबई में चार एकड़ लीज पर भूमि है।
इसके अलावा मलकपुरा स्थित होटल व बरातघर निर्माणाधीन है। छिकहरा गांव में भी कई स्थानों पर भूमि है। इसके अलावा छत्रपाल यादव की पत्नी नीरज यादव के नाम महोबा में एक निर्माणाधीन होटल, बजरंग नगर, गांधीनगर, मकरबई, दमौरा, सुभाषनगर, मोचीपुरा, बरी व दरीबा गांव में कई हेक्टेयर भूमि हैं। आरोपी विक्रम सिंह के पिता मुलायम सिंह व पत्नी नीलम के नाम सुभाषनगर में होटल बनवाया था। आरोपियों की सभी संपत्तियों को कुर्क कर सीज किया गया है।
#सरकारी आंकड़ों में बंद पहाड़ों पर ब्लॉक प्रमुख करवाते थे खनन
वकील खुदकुशी प्रकरण का मुख्य आरोपित ब्लाक प्रमुख छत्रपाल यादव अवैध खनन का कभी बेताज बादशाह था। उसने पहाड़ों पर अवैध खनन करके अकूत धन कमाया। उसकी आड़ में उसके साथियों ने भी अवैध पहाड़ खनन करके बेतहाशा अवैध संपत्ति अर्जित की। एसआइटी इन सारे मामलों की परतें धीरे-धीरे खोलने में जुटी है। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी उसके वह सहयोगी भी बेपर्दा होंगे जो उसकी कारगुजारियों में शामिल रहे हैं।
2015 से 2016 के बीच वकील खुदकुशी प्रकरण के आरोपित कबरई ब्लॉक प्रमुख छत्रपाल यादव की कबरई व डहर्रा खनन क्षेत्रों में तूती बोलती थी। इस दौरान कबरई के पचपहरा पहाड़ में अवैध खनन की सारी सीमाएं उसने तोड़ दी थीं। पचपहरा पहाड़ का पत्थर उच्च क्वालिटी का होने के कारण इसकी ग्रिट भी ऊंचे दामों पर बिकती थी।
#कबरई बांध खतरे में
पचपहरा पहाड़ से लगे हुए कबरई बांध के उच्चीकरण के दौरान अवैध खनन के कारण इस पर खतरा मंडराने लगा था। आखिर इस पहाड़ के कई खनन पट्टों पर शासन ने रोक लगा दी। इस आदेश से प्रशासन ने खनन कार्य बंद करा दिया था। बंद पट्टों पर भी किया गया खनन
शासन के आदेश पर जिला प्रशासन स्तर से फाइलों में तो पहाड़ खनन पर रोक लगा दी गई लेकिन हकीकत यह थी कि इसका फायदा छत्रपाल यादव व उसके साथियों ने भरपूर उठाया। सरकारी कागजों में बंद पहाड़ के एक दर्जन खनन क्षेत्रों में दिन रात अवैध खनन कार्य किया गया। अरबों का अवैध धन कमाया गया। इस दौरान न सिर्फ छत्रपाल यादव बल्कि उसके आधा दर्जन कबरई के साथियों ने भी दिन दूनी रात चौगनी तरक्की की। दो साल में ही फर्श से अर्श पर पहुंच गए। मामूली व्यापारी से बने करोड़पति
सूत्रों के अनुसार आरोपित छत्रपाल के साथ रहने वालों ने इस मौके का फायदा उठाया। महोबा के कई ऐसे छोटे व्यापारी थे जिनका कोई काम धंधा नहीं था लेकिन आज वह करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं। इस बंदर बांट में जिले के खनिज विभाग व जिला प्रशासन ने भरपूर सहयोग किया और लाभ भी कमाया। एसआइटी जांच के दायरे में यह सभी हैं। गैंगस्टर की जांच कर रही महोबा पुलिस ने खनिज विभाग से आरोपित ब्लॉक प्रमुख छत्रपाल यादव के खनन कार्य का लेखाजोखा तलब किया है। तहसील और संबंधित विभागों से बी जांच टीम ने दस्तावेज जुटाए हैं। अभी तो सात आरोपित ही जेल में हैं आगे इनकी संख्या और बढ़ सकती है।
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होटल सील करते अधिकारी - अमर उजाला |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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