जौनपुर । सुइथाकला - जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने विकासखंड सुइथाकला के निवर्तमान प्रधान अजय कुमार द्वारा विकास कार्यों में अनियमितता के मामले में जिला पूर्ति अधिकारी अजय प्रताप सिंह को जांच अधिकारी नामित किया है। लंबे समय से प्रधान अजय कुमार के द्वारा ग्राम पंचायत में विकास कार्यों की हकीकत कागजों तक ही सीमित रहने तथा ब्लॉक के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा अपने कार्यालय से ही बैठकर बिना भौतिक सत्यापन तथा शिकायत कर्ताओं से संपर्क किए ही रिपोर्ट लगा दी जाती रही है इसके संबंध में ग्रामीणों द्वारा लगातार उच्चाधिकारियों को शिकायत की जाती रही है किंतु गांव के ही इंदल कुमार पुत्र बखेडू द्वारा दिए गए 3 प्रति के हलफनामे के साथ शिकायती पत्र पर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने संज्ञान लेकर इसकी जांच जिला पूर्ति अधिकारी को सौंपी दी है। दिए गए हलफनामा में इंदल कुमार ने लाखों रुपए के गोलमाल के मामले का जिक्र किया है जिसमें ह्यूम पाइप, स्ट्रीट लाइट, आर सीसी रोड, कोरोना राहत सामग्री, खड़ंजा, टेंडर प्रकाशन के नाम पर धन की धांधली , हैंडपंप की मरम्मत तथा रिबोर, प्राथमिक विद्यालय में विकास कार्य तथा स्टेशनरी व फोटोकॉपी, सामुदायिक शौचालय आदि के कार्यों में काफी लंबे घोटाले और सरकारी धन का गबन करने का आरोप लगाया है। इंदल द्वारा दिए गए हलफनामा में 13 बिंदुओं के अनुसार जितने धन के गबन का आरोप लगाया गया है उससे यह साबित होता है कि यदि सचमुच में विकास कार्य कागजों पर ही सीमित हैं तो इसके पीछे ब्लॉक के अधिकारियों की भी मिलीभगत की बात जांच होने के बाद सामने आ सकती है। जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी पत्रांक 6081, 2020 -21 में शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत शिकायती प्रार्थना पत्र जांच नियमावली के नियम 3 में निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत पाए जाने के फलस्वरूप जांच नियमावली के नियम 2 में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए शिकायती प्रकरण की प्रारंभिक जांच किए जाने हेतु जिला पूर्ति अधिकारी जौनपुर को जांच अधिकारी नामित किया जाता है जो दोनों पक्षों की उपस्थिति में शिकायती पत्र में उल्लेखित समस्त बिंदुओं का स्थलीय मामले की जांच कर निष्कर्ष सहित स्पष्ट जांच आख्या 15 दिन के अंदर प्रत्येक दशा में नियमावली के अंतर्गत पूर्ण करते हुए जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।जांच में तकनीकी अधिकारी की आवश्यकता पड़ने पर अवर अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग विकास खंड सुइथाकला तकनीकी सहयोग प्रदान करेंगे। योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुरूप आज के समय में भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच होना रावण की स्वर्ग की सीढ़ी के समान हो गई है जिससे सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों के सामने बहुत बड़ी चुनौती बन गई है।
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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