जनपद के कई गांव में कोई अनुसूचित जाति का नही फिर भी गांव हुआ अनुसूचित सुरक्षित

जनपद के कई गांव में कोई अनुसूचित जाति का नही फिर भी गांव हुआ अनुसूचित सुरक्षित

जौनपुर। जनपद में बरसठी विकासखंड का चमरहा गांव शासन द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित कर दिए जाने पर सुर्खियों में आ गया है। कारण कि गांव में कोई भी मतदाता एससी कोटे का निवास ही नहीं करता है। गांव के ग्रामीणों में शासन का परिसीमन मजाक बन गया है।

अनुसूचित जाति का प्रत्याशी गांव में ढूढ़ने से नहीं मिल रहा है। अब ग्रामीण अनुसूचित जाति के प्रत्याशी को लाने के लिए परेशान हैं।
बता दें कि पिछले कई दशक से इस गांव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का कोई भी व्यक्ति निवास नहीं करता है। आज तक किसी भी पंचायती चुनाव में यह गांव आरक्षित नहीं हुआ था। गांव में केवल पिछड़े वर्ग समेत अन्य वर्ग के लोग निवास करते चले आ रहे हैं। मतदाता सूची में एक भी अनुसूचित, अनुसूचित जनजाति का व्यक्ति समाहित नहीं है।
अगर आकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो चमरहा गांव में यादव बिरादरी के 350, विश्कर्मा एक, नाई दो, ब्राहमण तीन, कहार बिरादरी के दो घर निवास करते है। जिसमें कुल जनसख्या लगभग 1313 है। इसके बावजूद विकास खंड के अधिकारियों द्वारा किस तरह परिसीमन प्रशासन को आरक्षित करने के लिए भेजा गया है यह किसी के गले नहीं उतर रहा है। इसे क्या कहां जाए लापरवाही या चूक।

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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