नारी को समर्पित लेख-युवा लेखिका-आँचलसिंह

नारी को समर्पित लेख-युवा लेखिका-आँचलसिंह

          "नारी"

शाक्ति रूप तुम पराक्रम हो
सत्यता सृजन तुम नारी हो।

निष्ठा में समर्पित रूप हो
ममता कि धनी तुम नारी हो।

आक्रोश से परे और विलय हो
दुर्ग रूप अवतारी तुम नारी हो।

सौभाग्यपूर्ण जननी से मिली हो
स्वाभिमान कि अटल तुम नारी हो।

अमर कर्त्तव्य पथ पर अग्रसर हो
त्याग समर्पण से प्रचलित तुम नारी हो।

सम्मान से परिपूर्ण सीता हो
भक्ति कि मूरत तुम नारी हो।

पराक्रम कि शोभा से हो
ज्योति सी प्रज्वलित तुम नारी हो।

मर्यादा कि नदी में विस्तार हो
शास्त्र में पूजनीय तुम नारी हो।

सौन्दर्य कि रूपवती धारा हो
देवों से पूर्व पूजनीय तुम नारी हो।

श्रध्दा का अटूटत्तम विश्वास हो
वन्दनीय आचरण कि तुम नारी हो।

राम और श्याम से पूर्व हो
सीता और राधा सी तुम नारी हो।

युवा लेखिका-आँचलसिंह


रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह

जर्नलिस्ट

a.singhjnp@gmail.com 
          
            

0/Post a Comment/Comments

और नया पुराने