जौनपुर। जिले में कोरोना का कहर रुकने का नाम नही ले रहा है।जबकि जिले का शासन प्रशासन कोरोना चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम है फिर भी कोरोना का दाव कमजोर नही हो रहा।
इसी क्रम में बुधवार की सुबह सुबह जो रिपोर्ट आई है वो लोगों को हैरत में डालने के लिए पर्याप्त है।उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय यानी कि, सदर अस्पताल के ब्लड बैंक के 06 कर्मचारी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से पूरे अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया।सीएमएस डॉ अनिल कुमार शर्मा ने तत्काल प्रभाव से ब्लड बैंक परिसर को 24 घण्टे के लिए सील करा दिया और सभी कोरोना योद्धाओ (ब्लड बैंक कर्मचारियों) को सुरक्षित कोरंटीन कर दिया गया।
इसमे थोड़ा सवाल उठा कि, कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर 72 घण्टे की बजाय मात्र 24 घण्टे के लिए ही ब्लड बैंक को सील किया गया है।इसका कारण तो संबंधित अधिकारी ही बता सकते हैं लेकिन यदि 72 घंटे का नियम है तो उसका पालन करना अधिकारियों का कर्तव्य बनता है क्योंकि ये भी महामारी एक्ट के अंतर्गत ही देखा जाता है।
कोरोना काल के दौरान ना तो पूरी जनता एक है और ना ही शासन प्रसाशन।इसका उदाहरण ये है कि, गत मंगलवार को सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के लपरी गांव में थाना प्रभारी ने चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था को बनाये रखें का पाठ पढ़ा रहे थे।तभी मीडिया के कैमरे में जो फोटो कैद हुई वो वाकई हैरान कर देने वाली बात थी। जहां बैठक हो रही थी वही कुछ पुलिस कर्मचारी एक दूसरे से चिपक कर टाइम पास कर रहे थे और उनके बगल में ही दीवार पर बड़े बड़े अक्षरों में लिखा था "दो गज दूरी- मास्क है जरूरी"।
लेकिन उनको इससे क्या, उनको तो सिर्फ आम जनता पर डंडे चलाना है।
इसलिए शासन प्रशासन सहित पूरी जनता को कोरोना की लड़ाई में एक साथ आना पड़ेगा अन्यथा इसका रूप और भयवाह होता जाएगा।
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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