मिटती रहती भ्रमिकता,युवा नेतृत्व से परिपूर्ण समाज है -आँचल सिंह

मिटती रहती भ्रमिकता,युवा नेतृत्व से परिपूर्ण समाज है -आँचल सिंह

                    युवा और शिक्षा


मिटती रहती भ्रमिकता,युवा नेतृत्व से परिपूर्ण समाज है।


सर्व शिक्षा अभियान से गुंजित आज का शिक्षित समाज है,


पृथक और संयुक्त विचारों कि एकाग्रता से होता,

आज कि युवा का विकास है।


मिटती रहती भ्रमिकता,युवा नेतृत्व से परिपूर्ण समाज है,


कल्याणकारी रचनाओं से गुंजित भारतवर्ष का युवा आज है।


शिक्षा पर हर एक युवा का अधिकार है,


आज कि युवा शक्ति का संयुक्त राष्ट्र में विस्तार है।


शिक्षित युवा से ही होता,नव- भारत का स्वपन साकांर है,


मिटती रहती भ्रमिकता,युवा नेतृत्व से परिपूर्ण समाज है।


आज कि युवा पीढ़ी से जागृत हो रहा हर एक रचित अवतार है,


मृदुल वाणी से मिलता उच्चतम परिणाम है।


मिटती रहती भ्रमिकता,युवा नेतृत्व से परिपूर्ण समाज है,


शिक्षित समाज के लिए युवा का सम्पूर्ण समर्पण और त्याग है।


 शिक्षा में परिवर्तन ही सफलापूर्वक अभियान है,


मिटती रहती भ्रमिकता,युवा नेतृत्व से परिपूर्ण समाज है।


युवा शक्ति को शिक्षा से मिला वरदान है,


अपनी विचारधाराओं को प्रकट कर लोक-हित में लाता बदलाव है।


मिटती रहती भ्रमिकता,युवा नेतृत्व से परिपूर्ण समाज है,


शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना 

युवा पीढ़ी की नवीनता में विद्यमान है।


आज कि शिक्षा कि शोभा युवा पर निर्भर विचार है,


मिटती रहती भ्रमिकता,युवा नेतृत्व से परिपूर्ण समाज है।


शिक्षा का विखंडन ना हो,

युवा कर रहा इसके लिए उच्चतम प्रयास है,


अग्रसर रहे स्वयं कि चेतना परिचय देता शिक्षा और समाज है।


शिक्षा में प्रतिभाग लेते युवा वर्ग का भारतवर्ष कर रहा नाम है,


मिटती रहती भ्रमिकता,युवा नेतृत्व से परिपूर्ण समाज है।


शिक्षित समाज से यही अभिलाषा आज है,


युवा कि एकता और सफलता से पुरस्कृत होता देश का सार है।


मिटती रहती भ्रमिकता,युवा नेतृत्व से परिपूर्ण समाज है।


शिक्षा और युवा आज समृद्ध भारत को कर रहा सांकार है,


समाज में हो रही उन्नति से जागरूक युवा आज है।


युवा लेखिका-आँचल सिंह का उदाहरण रूपी संवेदना देश को स्वीकार है।


मिटती रहती भ्रमिकता,युवा नेतृत्व से परिपूर्ण समाज है।



                  युवा लेखिका-आँचल सिंह

                      जौनपुर(उत्तरप्रदेश)।

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