जौनपुर। धर्मापुर ब्लाक अंतर्गत कृषि उत्पादन मंडी समिति इमलो में बनायी गयी गोशाला के सैकड़ों मृतक पशुओं की सड़ी लाशों से क्षेत्र में दुर्गंध और गंदगी व्याप्त है। इसी पीड़ा का क्षेत्रीय जनता और उस सडक़ से आने जाने वाले काफी वर्षों से इसे झेल रहे हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2017 में जब उ.प्र. में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बहुमत में आयी और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनाये गये तो इन्होंने बिना हानि लाभ और सुविचारित व्यवस्था बनाये। यह संकल्प ले लिया कि प्रदेश में गोकशी नहीं होगी और गैर लाइसेंसी बूचडख़ाने बंद होंगे। इस आदेश का तो तत्काल हो गया किन्तु छोटे कृषक और भाजपा विरोधी राजनीतिज्ञों ने इस आदेश की चुनौती स्वीकार कर वृद्घ व नर गोवंशों को छोडऩा चालू कर दिया। इससे पूर्वांचल के लगभग दो दर्जन जनपदों में कृषि उत्पादन पर बहुत ही ज्यादा दुष्प्रभाव पडऩे लगा। क्षेत्रीय एमपी, एमएलए लोगों से जब किसानों ने इस दुव्र्यवस्था पर जबर्दस्त विरोध किया तब जितनी खाली मंडिया थी उन्हें गोशाला के रूप में विकसित कर दिया गया। जनपद व तहसील के प्रशासनिक अधिकारियों ने इस आदेश का तामीला तो जबरर्दस्ती करवा कर रिपोर्ट मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दिया लेकिन चारा, शेड व बीमार पशुओं के लिए औषधि की बेहद कमजोर व्यवस्था होने के फलस्वरूप अकेले इमलो की गोशाला में सौ से ज्यादा बछड़े और गायें मर गयीं। इन मृतक पशुओं की मिट्ïटी में दबाने की अच्छी व्यवस्था न होने के बाद कुत्ते उन्हे खींच-2 चारो ओर फैला देते हैं। बेहद दुर्गंध क्षेत्र में फैल रही है। पुलिस दल भी दिन में दो तीन बार इस क्षेत्र से गुजरती है किन्तु इस विकट समस्या की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता है। यदि शीघ्र इसकी व्यवस्था नहीं की गयी तो क्षेत्र में संक्रामक रोग फैलने से कोई रोक नहीं सकता।
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रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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