जौनपुर। जिलाधिकारी ने विकास का सच जानने के लिए केराकत क्षेत्र के अमिहित गांव के चौपाल में पहुंचे । इसमें योजनाओं के सत्यापन की पूरी तैयारी न कर पाने पर खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र बहादुर सिंह व एडीओ पंचायत राम अवध को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई। ग्रामीणों की शिकायत पर जिलाधिकारी ने कोटेदार व आपूर्ति निरीक्षक के खिलाफ जांच के आदेश दिए।
कोटे की दुकान की शिकायत पर जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी चंद्र प्रकाश पाठक को निर्देश दिया कि गांव में अधिकारियों की टीम बनाकर हर ग्रामीणों का बयान दर्ज करें। शिकायत सही पाए जाने पर कोटेदार और सप्लाई इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई होगी। चौपाल में ग्रामीणों की भीड़ लगी रही। जिलाधिकारी ने वृद्धा, विधवा, विकलांग, शौचालय, आवास की समीक्षा की। इसमें 60 फीसद ग्रामीणों ने शिकायत की कि उनके पास न तो आवास है और न ही शौचालय। गांव का सामुदायिक शौचालय भी अधूरा है, अभी तक टैंक ही बना है। लोग शौच के लिए सड़क और खेतों में जाते हैं। इतना सुनते ही जिलाधिकारी नाराज हो गए और बीडीओ को निर्देश दिया कि एक-एक घर का सर्वे कराएं।
इसके बाद पीएम सम्मान निधि, कृषि विभाग, सप्लाई विभाग, विद्युत विभाग, टीकाकरण अभियान की समीक्षा की। इसमें कोटेदार के कम राशन देने की शिकायत पर जिलाधिकारी नाराज हो गए। उन्होंने उपजिलाधिकारी से अधिकारियों की टीम बनाकर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा। उन्होंने पिछले वित्त आयोग से कराए गए कार्यों की ग्रामीणों के माध्यम से समीक्षा कराई, जिसमें सभी सही साबित हुआ। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों से कहा कि चौपाल से पूर्व गांव के बारे सभी तैयारियां पूरी कर लेनी चाहिए। चौपाल का मतलब सिर्फ टेंट और चटाई बिछाना नहीं है। गांव के प्रधान के पति अरविद सिंह ने गांव आने वाले मुख्य मार्ग और तालाब के सुंदरीकरण की मांग की। जिस पर जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग को निर्देश दिया। इस मौके पर जिलाधिकारी ने गांव में पौधारोपण किया। इस मौक़े पर सीडीओ अनुपम शुक्ला सहित सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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जिलाधिकारी जौनपुर |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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