जौनपुर। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में फंसे जिले के रहने वाले मयंक सिंह रविवार सुबह अपने घर पहुंचे। परिजनों को देख उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। मयंक के परिवार वालों सहित ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे । घर लौटने पर बहनों ने मयंक को राखी बांधी वहीं परिजनों ने माला पहना कर स्वागत किया।
काबुल एयरपोर्ट के समीप एक स्टील फैक्ट्री में फंसे 27 भारतीयों में से गोधना गांव निवासी मयंक कुमार सिंह भी थे। भारतीयों के दल की वतन वापसी रविवार को ही हुई थी। सभी दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे थे। शाम में मयंक सुहेलदेव एक्सप्रेस ट्रेन पर सवार हुए, रविवार की सुबह जौनपुर उतरे।
मयंक के घर लौटने से उनकी पत्नी आंचल, बेटा आदित्य सहित परिवार के सभी लोग ख़ुशी से झूम उठे । मयंक नवंबर 2018 को काबुल गए थे और इसी साल जून माह में आना चाहते थे, लेकिन किन्हीं कारणों से नहीं आ पाए।
उधर, अफगानिस्तान में बिगड़े हालात में वह भी फंस गए थे। हालांकि उनकी बात परिवार के लोगों से लगातार हो रही थी, लेकिन वहां की स्थिति के बारे में जानकारी होने पर परिवार के लोग डर गए थे। पूरा परिवार टीवी पर नजर लगाए रहता था। सभी मयंक के सलामती की दुआ कर रहे थे।
![]() |
Third Party Image |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
एक टिप्पणी भेजें