जौनपुर। साल 2021 में ‘अन्वेषण में उत्कृष्टता’ में गृहमंत्री के पदक के लिए इस बार जिले के मड़ियाहूं तहसील में तैनात सब इंस्पेक्टर घनश्याम शुक्ल को भी चुना गया है। उन्होंने 11 दिनों में विवेचना पूरी कर नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या का राजफाश कर आरोपी को मृत्युदंड की सजा दिलाने में विशेष पहल की थी।
ईंट-भट्टे पर काम करने वाला चंदौली निवासी एक व्यक्ति अपनी ससुराल मड़ियाहूं में रह रहा था। 6 अगस्त 2020 को सायं आठ बजे 11 वर्षीय मृतका व उसकी बहन को एक दुकान से टॉफी-बिस्कुट दिलाया था। छोटी बहन को टॉफी देकर घर भेज दिया और दूसरी को बहला फुसलाकर खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया था। बालिका का गला व मुंह दबाकर उसकी हत्या कर चेहरे पर एसिड डालकर जला दिया था और शव को खेत में छुपाकर भाग गया था। दो दिन बाद शव खेत से बरामद हुआ था। पोस्टमार्टम में मृतका से दुष्कर्म व बला घोटने से मौत की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने आरोपी को चंदौली से गिरफ्तार किया और कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। 26 नवंबर 2020 को आरोप तय हुआ था। मृतका की छोटी बहन व दुकानदार ने आरोपी के खिलाफ गवाही दी। कोर्ट ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर आरोपी को अपहरण, दुष्कर्म, हत्या, साक्ष्य छिपाने व पॉक्सो एक्ट की धाराओं में दंडित किया। इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट प्रथम रवि यादव ने मृत्युदंड व 10 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई थी। सब इंस्पेक्टर घनश्याम शुक्ल ने बताया कि पहली बार जिले में महिला अपराध के किसी मामले में अपराधी को मृत्युदंड की सजा मिली थी।
डेढ़ माह बाद हो गई थी पिता की मौत
जौनपुर। एफआइआर मृतका के पिता ने दर्ज कराया था। बेटी की नृशंस हत्या से आहत पिता की घटना के डेढ़ माह में मौत हो गई। वही, केस की जांच के दौरान इस मामले की दिन प्रतिदिन सुनवाई चली थी। केस की मानिटरिंग शासन द्वारा की जा रही थी। सरकारी वकील राजेश उपाध्याय व वीरेंद्र मौर्य द्वारा निर्भया कांड व अन्य मामलों का हवाला देते हुए मामले को विरलतम बताया गया था। कोर्ट ने बच्चन सिंह बलम पंजाब और मच्छी सिंह बनाम छत्तीसगढ़ समेत 24 विधि व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए आदेश दिया कि अभियुक्त का कृत्य वहशीपन व घिनौना है। साभार अमर उजाला।
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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