आजमगढ़ । उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा गांवो में पेयजल की सुविधा के लिये जलशक्ति मिशन द्वारा टंकियों का निर्माण कार्य जारी है।इसी क्रम में पल्हना ब्लॉक,ग्रामसभा पिठारपुर में दो स्कूलों के बीच मे जो छात्र,छात्राओं के खेलने का मैदान है क्या ऐसी जगह में बोरिंग करवाना उचित है?।
स्कूल के प्रबंधक हरिशंकर सिंह के निर्णय पर लोगों को आश्चर्य हो रहा है।
1.क्या स्कूल की समिति को बुलाकर यह निर्णय लिया गया।
2.समिति का अध्यक्ष डॉक्टर राकेश सिंह का कहना हैं कि क्यों इस बैठक या निर्णय की सूचना मुझे नही दी गयी।
3. प्रबन्धक जी इतनी गोपनीयता से बैठक किये या समिति को कुछ न समझते हुवे चापलूसी में स्वतः ही निर्णय ले लिए।
स्कूल के प्रांगण में पानी टँकी की बोरिंग एक गलत निर्णय है।गांव में 10 एकड़ के लगभग जमीन खाली है उसपर निर्माण क्यों नहीं किया गया।
#डॉक्टर राकेश कुमार सिंह का कहना है कि
1. प्राइमरी के बच्चे जो यहाँ खेलते थे कहा जाएंगे
2.मिडिल के बच्चे खेलने कहा जाएंगे
3.गांव के लड़के भी यही खेलते थे यही एक मात्र खेल म मैदान था गांव के मध्य।
4.स्कूल के प्रांगण में टँकी होने से हमेशा दुर्घटना का डर बना रहेगा। गलती से कोई लड़का खेल खेल में टँकी पर चढ़ गया तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?
5. आये दिन पानी ओवरफ्लो होगा, मच्छर और हानिकारक जीवाणु उससे पैदा होंगे। बच्चे आस पास खेलेंगे और बीमार पड़ेंगे।
6.एक तो पहले से ही फील्ड छोटी थी अब और छोटी हो गयी। अगर स्कूल को कल 100 लड़को को ड्रील करना पड़े तो कहाँ करेंगे।
7. कई बार गांव की बारात भी इसी फील्ड में ठहरती है, अब कहाँ जाएगी।
फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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