इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला, साक्ष्य मिलने पर ही हो गिरफ्तारी

इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला, साक्ष्य मिलने पर ही हो गिरफ्तारी

प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता व भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले के मामले में दो अभियुक्तों को राहत देते हुए, आदेश दिया है कि याचियों के विरुद्ध मजबूत साक्ष्य पाए जाने पर ही गिरफ्तारी की जाए। इसी के साथ न्यायालय ने भाजपा सांसद को भी नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने चंद्रशेखर सिंह व एक अन्य की याचिका पर दिया। याचिका में भाजपा सांसद द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर समेत सभी छह प्राथमिकियों को चुनौती दी गई है। उल्लेखनीय है कि ये सभी एफआईआर 25 सितम्बर को भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता व भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले से सम्बंधित हैं जो प्रतापगढ जनपद के लालगंज थाने में दर्ज कराई गई हैं। इनमें से एक एफआईआर स्वयं भाजपा सांसद ने दर्ज कराई है जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी व उनके बेटी अराधना मिश्रा समेत 27 लोगों को नामजद किया है व 50 हमलावरों को अज्ञात बताया है। सांसद द्वारा दर्ज एफआईआर आईपीसी की धारा 307 व अन्य तमाम धाराओं के अंतर्गत दर्ज कराई गई है। वहीं प्रमोद तिवारी व अराधना मिश्रा को अब तक राहत नहीं मिल सकी है। उन्होंने भी एक अन्य याचिका दाखिल करते हुए, इन सभी प्राथमिकियों को चुनौती दी है। प्रमोद तिवारी व उनकी बेटी की याचिका पर 22 नवम्बर के सप्ताह में सुनवाई होनी है।

Demo Image

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

0/Post a Comment/Comments

और नया पुराने