वाराणसी । रूस की बमबारी के बीच यूक्रेन में पूर्वांचल के दसों जिलों के 12 विद्यार्थी फंसे हैं। इसमें आजमगढ़ से पांच व वाराणसी, जौनपुर, भदोही से दो-दो व गाजीपुर से एक विद्यार्थी शामिल हैं।
टेलीविजन पर यूक्रेन का हालात देखकर स्वजन चिंतित हैं। विद्यार्थी व उनके स्वजन भारत सरकार से स्वदेश वापसी के लिए लगातार गुहार लगा रहे हैं।
वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र के अमित पांडेय इनीथिया में मेडिकल के छात्र हैं। चौक थाना क्षेत्र के बालदास शाहू लेन के शिवकार्तिक छात्रावास से निकल लिए थे, लेकिन बमबारी शुरू होने जाने से कीवी में फंस गए हैं। जौनपुर जिला के खेतासराय क्षेत्र के शाहापुर गांव निवासी डाक्टर गजेंद्र पांडेय की पुत्री गरिमा पांडेय यूक्रेन के डेनिप्रो शहर में फंसी हुई हैं। पिता गजेंद्र पांडेय ने भारत सरकार से बेटी समेत अन्य भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्वदेश लाने की मांग की है। गरिमा की फ्लाइट से सकुशल वापसी के लिए उन्होंने 35 हजार रुपये भी यूक्रेन भेज दिया था। उसको तीन मार्च को यूक्रेन के ओडेसा से वाया दोहा कतर होते हुए दिल्ली आने की फ्लाइट का टिकट भी मिल गया था, लेकिन आज जब बात हुई तो पता चला कि रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है। इसी जिले के जमैथा निवासी सौरभ यादव भी फंसे हैं। वह वहां से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं, जो पिछले वर्ष गए थे।
गाजीपुर जिला के देवा गांव निवासी शिशिर पांडेय इन दिनों यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित ओओ बोगो मेलेट नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस पांचवें वर्ष के छात्र हैं। यहां पर एमबीबीएस का कोर्स 6 साल का होता है। शिशिर पांडेय का एयर टिकट 12 मार्च का मिल पाया है। गुरुवार को रूस के हमले के बाद कीव में फंसे सभी छात्र मेडिकल यूनिवर्सिटी के हास्टल में ही शरण लिए हुए हैं। गुरुवार को दोपहर करीब 12 बजे उसने अपने पिता व मां से बातचीत की। शाम को दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि भारतीय दूतावास ने छात्रों से अपने हॉस्टल में रहने की सलाह दी है। कीव से 100 किलोमीटर दूरी पर पूर्वी क्षेत्र में रूस ने हमला किया है, जबकि वह मध्य में हैं। कई दिनों के लिए राशन सब्जी सहित अन्य रोजमर्रा की वस्तुओं को रख लिए हैं। अधिकतर समाचार टेलीविजन के माध्यम से ही मिल रहा है। पेट्रोल पंपों पर गाडिय़ों की लंबी लाइन लगी है। भारतीय दूतावास से मिली सूचना पर बताया कि यहां पर जितने भी मेट्रो स्टेशन हैं सभी भूमिगत बने हुए हैं, जो इस समय यहां का सबसे सुरक्षित स्थान माना जा रहा है। इसके अलावा हाल्टल में 50 फीट नीचे सबसे सुरक्षित बंकर बनाए गए हैं। इसमें 250 छात्र सुरक्षित रह सकते हैं। पिता सुभाष पांडेय एवं माता निर्मला पांडे के इकलौते पुत्र के रूप में शिशिर पांडेय मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए हुए हैं।
आजमगढ़ के सगड़ी तहसील के खतीबपुर गांव के डाक्टर नरेंद्र यादव मेंहगनर कस्बा में क्लीनिक चलाते हैं। उनकी पुत्री रेनू यादव चार वर्ष पूर्व यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गई थीं। उनका ओडीएस नेशनल मेडिकल कालेज में दाखिला हुआ है। रेनू के साथ ही जिले के दो अन्य छात्र अमित यादव निवासी सोफीपुर निजामाबाद, विनीत विश्वकर्मा निवासी शहर कोतवाली और लालगंज के चेवार पश्चित निवासी बैंगेश्वर भी यूक्रेन में फंसे हैं। मेंहनगर क्षेत्र के खुंदनपुर निवासी अब्दुल्ला खान पुत्र मो. तारिक दो माह पूर्व गए थे, जो मुंबई पहुंच गए हैं। रेनू यादव के भाई डा. सत्यशील यादव ने बताया कि रेनू की उनसे बात हुई है। बैंगेश्वर के पिता अरङ्क्षवद ङ्क्षसह व मां गीता ने कहा कि सरकार को तुरंत कोई निर्णय लेना चाहिए। इसी तरह सरायमीर के पवई लाडपुर गांव निवासी श्रेया यादव पुत्र डा. नागेंद्र यादव यूक्रेन में ओडीशा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की चौथे साल की पढ़ाई कर रही हैं। उनके पिता नागेंद्र यादव ने बताया कि बीते सितंबर माह में ही मेरी बेटी यूक्रेन गई है। अभी बेटी से शाम सात बजे बात हुई तो बताई कि धमाके की आवाज सुनाई दे रही है। साभार जेएनएन।
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रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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