#बसंत ऋतु
आई मनभावन ऋतु आई।
अरुण कोपलें हैं निकल आई।।
ऐसी कौन सी ऋतु है आई।
जो मेरे मन को हर्षाई।।
आमों के बच्चे हैं जन्मे।
हरी मटर है खेतों में।।
तितली ने अपने पर खोले।
फूल- फूल पर भंवरे डोले।।
पीली सरसों है खेतों में।
चिड़ियाँ चहकीं फूल खिले हैं।।
हरियाली से खेत खिले हैं।
मानो धरा ने श्रृंगार किया है।।
कलियों ने मुस्कान भरी है।
ऋतुराज ने उड़ान भरी है।।
है बसंत ऋतु बड़ी सुहानी।
है यह सबसे न्यारी प्यारी।।
लेखक: राम नरेश प्रजापति |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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