सपा गठबंधन में दरार, सुभसपा और अपना दल (क) के कई प्रत्याशी आमने सामने, मानने में जुटा हाईकमान

सपा गठबंधन में दरार, सुभसपा और अपना दल (क) के कई प्रत्याशी आमने सामने, मानने में जुटा हाईकमान

लखनऊ । यूपी विधानसभा चुनाव में सातवें और अंतिम चरण की नामांकन की प्रक्रिया बृहस्पतिवार को पूरी हो गई। अब केवल पर्चे की जांच और नाम वापसी होनी है। पूर्वांचल की कई सीटों पर सपा और उसके सहयोगी दलों में दरार दिखाई देने लगी है।

जौनपुर में तीन सीटों से एक ही पार्टी से दो-दो लोगों ने नामांकन कर दिया दै।

वाराणसी की रोहनिया सीट से अपना दल (क) के अभय पटेल, सपा से धर्मेंद्र सिंह ने नामांकन का दावा किया। मिर्जापुर की मझवां, मड़िहान विधानसभा सीट पर सपा गठबंधन से दो-दो प्रत्याशी मैदान में हैं। सोनभद्र में भी कुछ सीटों पर यहीं स्थिति है।
पहले बात जौनपुर की, जहां प्रत्याशियों के चयन को लेकर सपा गठबंधन में घमासान मचा हुआ है। इस घमासान में दो पूर्व मंत्रियों की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। हालांकि सब कुछ ठीक-ठाक करने में पार्टी हाईकमान तक लोग लगे हुए हैं।

वे दबी जुबान से प्रत्याशियों के नाम बता रहे हैं, लेकिन, पार्टी के अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे हैं। सपा से साल 2002 और 2007 में शाहगंज और 2012 और 2017 में मछलीशहर से लगातार विधायक और पूर्व राज्यमंत्री जगदीश सोनकर के नामांकन के ठीक पहले टिकट पार्टी हाईकमान ने काट दिया।

उनके स्थान पर पूर्व विधायक कैलाश सोनकर की बेटी और वाराणसी निवासी डॉ. रागिनी सोनकर को प्रत्याशी घोषित किया। वहीं, सदर सीट पर 1993 में विधायक रहे मोहम्मद अरशद खान को सिंबल दे दिया है। साथ ही एक और सिंबल पूर्व में तेज बहादुर मौर्य को भी पार्टी हाईकमान स्तर से मिला है।

इस आधार पर दोनों नेताओं ने अपना नामांकन समाजवादी पार्टी के सिब्बल लगाकर किया है। साथ ही अपना-अपना टिकट तय बना रहे हैं। इसी तरह गठबंधन के तहत सपा ने जफराबाद सीट ओमप्रकाश राजभर की अगुवाई वाली सुभासपा को दे दिया है।

जहां से 1993 बयालसी (अब जफराबाद) से विधायक रहे व पूर्व मंत्री श्रीराम यादव को सिब्बल दे दिया। जबकि ऐन वक्त पर 1996, 2002 और 2007 में लगातार विधायक रहे और पूर्व कैबिनेट मंत्री जगदीश नारायण राय को भी सिब्बल दे दिया।

ऐसे में दोनों पूर्व मंत्रियों ने भी अपना नामांकन करके प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी है। वहीं, मुंगराबादशाहपुर सीट से डॉ. पंकज पटेल और चंद दिनों पहले भाजपा में रहे दिलीप राय बलवानी को सिब्बल देकर वहां भी पेंच फंसा दिया।

इसके पहले मड़ियाहूं में लगातार 2004 के उपचुनाव और 2012 में चुनाव जीतने वाली श्रद्धा यादव का टिकट काटकर सपा ने साल 2017 में बसपा से मुंगराबादशाहपुर सीट से विधायक बनीं और पिछले साल सपा में आई सुषमा पटेल को टिकट दे दिया।

ऐसे में अभी श्रद्धा यादव के समर्थक अभी तक नाराज चल रहे हैं। हालांकि इस बाबत सपा के जिलाध्यक्ष लाल बहादुर यादव का कहना है कि सभी अपने हैं, सभी को संतुष्ट किया जाएगा।

मझवां, मड़िहान विधानसभा पर सपा गठबंधन से दो-दो प्रत्याशी, चुनार पर बनी उहापोह की स्थिति उधर, मिर्जापुर में समाजवादी पार्टी तीन सीटों पर स्थिति स्पष्ट नहीं कर सकी है। मझवां विधानसभा विधानसभा सीट पर सपा ने दो प्रत्याशी उतारे हैं तो वहीं मड़िहान विधानसभा सीट पर गठबंधन की अपना दल कमेरावादी के प्रत्याशी के सामने सपा ने अपना कंडीडेट उतार दिया है। चुनार सीट पर भी उहापोह की स्थिति बनी हुई है।

अपना दल कमेरावादी से एक ने पहले ही नामांकन करा लिया है तो वहीं एक किसान नेता ने नामांकन किया, जो कुछ माह पहले ही सपा में शामिल हुए थे। वो भी नामांकन खत्म होने से 15 मिनट पहले नामांकन करने पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि पार्टी की ओर से आश्वासन के बाद ऐसा निर्णय लिया है।

फिलहाल जिला समाजवादी पार्टी मझवां विधानसभा सीट पर रोहित शुक्ला और मड़िहान सीट पर रविंद्र बहादुर पटेल को अधिकृत प्रत्याशी बता रही है, चुनार सीट गठबंधन के अपना दल कमेरावादी के खाते में जाने की बात कह रही है, पर जब तक नामांकन पत्रों के जांच के बाद पार्टी की मुहर नहीं लगती, तब तक कौन चुनावी मैदान में रहेगा, इसे लेकर संशय बना हुआ है।

बुधवार को सपा गठबंधन की अपना दल कमेरावादी से मड़िहान से अवधेश पटेल, चुनार से आरएस पटेल ने नामांकन किया। उससे पहले मझवां सीट से सपा के दामोदर मौर्या ने नामांकन किया था। इसके बाद से इन तीनों सीटो पर प्रत्याशी बदले जाने की चर्चा तेज हो गई।

इस बीच बृहस्पतिवार को मझवां से सपा प्रत्याशी रोहित शुक्ला और मड़िहान से रविंद्र बहादुर पटेल ने जिले के पदाधिकारियों के साथ नामांकन किया। नामांकन खत्म होने के 15 मिनट पहले बीते दिनों सपा में शामिल हुए रामराज पटेल ने चुनार से नामांकन किया।

नामांकन तो निर्दल के रुप में किया, पर सपा नेता होने के बाद नामांकन करने पर सवाल उठने लगा। रामराज ने भी दावा किया कि उनको पार्टी कार्यालय से नामांकन करने का निर्देश मिला है। सपा जिलाध्यक्ष देवी प्रसाद चौधरी ने मझवां से रोहित शुक्ला और मड़िहान से रविंद्र बहादुर पटेल को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी बताया।

रामराज के नामांकन पर बताया कि उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। नामांकन करने वाले सभी प्रत्याशी अपना दावा कर रहे हैं, ऐसे में अब नामांकन पत्रों की जांच और नामांकन वापसी के बाद ही अधिकृत प्रत्याशी पर मुहर लगेगी।

हालांकि रात को सपा प्रवक्ता अशोक सिंह ने सपा के प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव का पत्र जारी किया है। जिसमें पूर्व में प्रत्याशी बनाए गए दामोदर के स्थान पर रोहित शुक्ला को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी स्वीकार किया।

सोनभद्र में भी उजागर हुई गठबंधन में दरार सोनभद्र में नेतृत्व के फैसले से इतर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की ओर से नामांकन किया गया, जबकि उन सीटों पर पहले से ही सपा ने प्रत्याशी उतार रखे हैं। ओबरा से राकेश कुमार गोंड, घोरावल से दुर्विजय और राबर्ट्सगंज से सुरेंद्र कुमार की ओर से दाखिल नामांकन पत्र में दल की जगह सुभासपा लिखे जाने से सपा खेमे में हलचल बढ़ गई है।

वहीं घोरावल से पूर्व में अपना दल कमेरावादी के घोषित उम्मीदवार सुरजीत सिंह पटेल ने भी नामांकन पत्र जमा किया, जबकि इस सीट से सपा के रमेश चंद्र दुबे पहले ही नामांकन कर चुके हैं। गठबंधन के अन्य दलों के उम्मीदवार उतरने से सपाई बेचैन हैं। हालांकि यह दावा किया जा रहा है कि सपा के अलावा अन्य दलों के उम्मीदवारों के पास अधिकार पत्र नहीं है। लिहाजा उनका नामांकन रद्द हो सकता है।

एक ही दल से अलग-अलग प्रत्याशियों का दावा अंतिम दिन राजनीतिक दलों के दावेदारों ने असमंजस की स्थिति भी उत्पन्न की। वाराणसी की रोहनिया सीट से सपा गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में अपना दल (क) के अभय पटेल के साथ ही धर्मेंद्र सिंह ने सपा से नामांकन का दावा किया।

हालांकि सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव ने साफ किया है कि सहयोगी दल अपना दल क के प्रत्याशी ही अधिकृत है। सपा की ओर से कोई प्रत्याशी नहीं घोषित है। उधर, अजगरा में आशा देवी और हेमा देवी ने कांग्रेस से नामांकन का दावा किया। इस पर कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने बताया कि हेमा देवी ही हमारी अधिकृत प्रत्याशी हैं। साभार ए. यू।

फाइल फोटो

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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