दवा प्रतिनिधियों ने भी 28 और 29 की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल में हुए शामिल , कार्य पूर्णतः रखा बंद

दवा प्रतिनिधियों ने भी 28 और 29 की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल में हुए शामिल , कार्य पूर्णतः रखा बंद

जौनपुर । आज केंद्रीय संगठन एफएमआरएआई के आवाहन पर सभी 10 केंद्रीय श्रम संगठनों के साथ जौनपुर के 500 से ऊपर दवा प्रतिनिधियों ने अपने कार्य का पूर्णता बहिष्कार किया एवं अपनी तर्कसंगत मांगों को लेकर शहर के विभिन्न जगहों पर पिकेटिंग प्रदर्शन करते हुए अपने मांगों को रखा जिसमें मुख्य रुप से 4 नए लेबर कोड का निलंबन साथ ही साथ दवा प्रतिनिधियों का एकलौता कानून सेल्स प्रमोशन एम्पलाई एक्ट 1976 को पूर्णतः लागू करने, दवा प्रतिनिधियों को न्यूनतम ₹26000 तनख्वाह की मांग की साथ ही साथ दवा के दाम सस्ते करने के लिए दवाओं पर 0% जीएसटी, भारत के लोगों को सेहत को बेहतर बनाने के लिए जीडीपी का 5 % स्वास्थ्य के क्षेत्र में खर्च करने, दवा प्रतिनिधियों के लिए 8 घंटे का कार्य निर्धारण, रोजगार सृजन के लिए बंद पड़ी सरकारी दवा कंपनियों को पुनरुत्थान करने, सभी श्रमिकों के लिए सामाजिक सर्व भौमिक सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए जौनपुर के सभी दवा प्रतिनिधियों ने हड़ताल के माध्यम से अपना विरोध किया तथा सरकार को चेताया कि यदि हमारी उचित मांगों को ऊपर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो आगे आने वाले दिनों में दवा प्रतिनिधि सड़क से लेकर संसद तक अपना वृहद विरोध दर्ज कराएगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी ।

इस हड़ताल के कार्यक्रम में दवा प्रतिनिधि संगठन ने 5 स्थायी एवम 3 सचल टीमो का गठन करके पूरे जनपद में सख्ती से हड़ताल का अनुपालन सुनिश्चित किया।
आज के राष्ट्रव्यापी हरताल का संचालन अखिल भारतीय राज्य इकाई सदस्य साथी राजेश रावत ने किया ।
अखिल भारतीय वार्किंग कमेटी सदस्य साथी नीरज श्रीवस्तव ने बताया कि सेल्स प्रमोशन एम्पलाई अट जो कि 4 लेबर कोर्ट में विलीन हो चुका है। जिसमें दवा प्रतिनिधियों का सारा संवैधानिक अधिकार छीन लिया गया है । इसीलिए दवा प्रतिनिधि 28 और 29 की हड़ताल के माध्यम से सरकार का चेतावनी दे रही है की अगर सरकार हमारी न्योचित मांगों को नही मानी तो आगे दवा प्रतिनिधि इससे भी बड़े आंदोलन करने के लिए तैयार है जिसकी सारी जिम्मदारी सरकार की होगी ।
इकाई सचिव साथी अजय चौरसिया ने कहा की आज सरकार की नई नीतियों से दवा प्रतिनिधियों को अपनी नौकरी बचाना मुश्किल हो गया है। कंपनियां सरकार की गलत नीतियों का सह पाकर दवा प्रतिनिधियों का शोषण कर रही है ।
आज के हड़ताल को सफल बनाने मे कार्यकारणी के सदस्य साथी अमित रंजन श्रीवास्तव, संदीप दुबे, सुनील प्रजापति, बृजेश कुमार विश्वकर्मा, सहित समस्त कार्यकारणी की भूमिका अहम रही ।

विरोध जताते दवा प्रतिनिधि

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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