जौनपुर । कभी शर्की सल्तनत की सियासत का केंद्र बिंदु रहे जौनपुर में विधानसभा चुनाव के दौरान मजहबों और जातियों के पाले खिंच गए हैं। साहित्य और संगीत प्रेमी शर्की वंश के सुल्तान हुसैन शाह शर्की ने भावविभोर कर देने वाले राग जौनपुरी का ईजाद किया था।
यह विडंबना ही है कि दिलों को मिलाने वाले इस राग की धरती जौनपुर में छिड़े सियासी राग में जातिवादी और मजहबी स्वरों की अनुगूंज है। छोटे दलों से बड़ी पार्टियों के गठबंधन की आजमाइश भी जौनपुर में होगी। पेश है यहां की ग्राउंड रिपोर्ट-
जौनपुर में किसकी हवा है? शाही पुल से सुबह गुजर रहीं गृहिणी पद्मिनी गुप्ता से यह सवाल होते ही फौरन जवाब आया, 'भाजपा की' क्यों? उत्तर भी उतना ही संक्षिप्त 'राष्ट्रवाद।' सदियों से जौनपुर की पहचान रही अटाला मस्जिद के बाहर कुर्सी पर धूप सेंक रहे बुजुर्ग शमसुद्दीन के सिर पर सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल वाला मफलर बंधा है। पूछने पर बोले साइकिल जरूरी है क्योंकि यह पेट्रोल से नहीं चलती। इशारा महंगाई की ओर था पर अभी दिल का गुबार निकला नहीं था। गहरी सांस छोड़ते हुए बोले, जौनपुर में कभी हिंदू-मुस्लिम नहीं हुआ, अब हो रहा है। वहां पर इश्तियाक अहमद मिले। किसकी सरकार आएगी? सवाल होते ही बोले-हम देख रहे हैं अखिलेश को। वजह पूछने पर बोले कि मौजूदा सरकार अवाम को आपस में लड़ा रही है। लगेज बैग के कारोबारी मोहम्मद रईस को बदलाव की दरकार है।
मंडी नसीब खान में सब्जियों के विक्रेता रतन सोनकर बोले- गिरीश यादव घर में सुत्तल रहिएं तबो जीत जइहें। कैसे? जवाब आया-दूसरे दलों ने मुस्लिम प्रत्याशी जो खड़े कर दिए हैं। योगी सरकार के आवास एवं शहरी नियोजन राज्य मंत्री गिरीश यादव बतौर भाजपा प्रत्याशी जौनपुर से दोबारा चुनाव मैदान में हैं। सपा ने यहां से पूर्व विधायक मोहम्मद अरशद खान तो बसपा ने सलीम खान को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने पूर्व विधायक नदीम जावेद को मैदान में उतार कर इस सीट पर लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है। लेकिन भाजपा यहां से क्यों जीतेगी? 'मोदी-योगी बढ़िया काम करेलन। जब बीमारी ऊपर वाला भेजलस तो मोदी-योगी का करें। गरीबन के गल्ला मिलत हौ, घरो मिलल और शौचालय भी। ऊपर से कमाए खाए बदे दस हजार रुपया लोन मिलल, बिजनेस के लिए। केहु के और का चाही?' एक सांस में रतन कुमार सब बोल गए।
सभी नौ सीटों पर लड़ाई कठिन : जौनपुर जिले में नौ सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को चार और उसके सहयोगी अपना दल (एस) को एक, सपा को तीन व बसपा को एक सीट मिली थी। इस बार अधिकांश पर सीटों भाजपा और सपा में सीधा मुकाबला है। जिसे कांग्रेस और बसपा बहुकोणीय करने की कोशिश में है। मल्हनी में जदयू उम्मीदवार धनंजय सिंह अपने व्यक्तिगत आधार पर मुकाबले को सीधी लड़ाई में बदलने की कोशिश में है।
मल्हनी सर्वाधिक चर्चा में : यादवों का गढ़ कही जाने वाली मल्हनी सीट पर सपा प्रत्याशी लकी यादव और जदयू उम्मीदवार के तौर पर उतरे बाहुबली छवि के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के बीच सीधे मुकाबले से कोई इनकार नहीं करता है। भाजपा ने यहां पूर्व सांसद केपी सिंह, बसपा ने शैलेंद्र यादव और कांग्रेस ने पुष्पा शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है। मल्हनी बाजार में पान विक्रेता छोटे लाल गुप्ता कहते हैं कि लकी को यादव बिरादरी पर भरोसा है तो धनंजय को हर वर्ग से समर्थन मिल रहा है। वहीं मौजूद राजमिस्त्री बद्री बोले धनंजय ने अगर यादव बिरादरी में सेंध लगा दी तो नतीजे पलट जाएंगे।
मुद्दों पर भारी जाति : शाहगंज सीट पर दिलचस्प मुकाबले के आसार हैं। जौनपुर-शाहगंज मार्ग पर सबरहद रसूलपुर गांव के अरशद के मुताबिक यहां मुकाबला साइकिल और थाली (निषाद पार्टी) में ही है। फिर कहा कि विधायक ने इलाके में काम नहीं कराया है। लगातार पांचवीं बार विधानसभा पहुंचने की कोशिश में जुटे शैलेंद्र यादव ललई को सपा ने फिर उम्मीदवार बनाया है तो भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी ने डा. रमेश सिंह पर भरोसा जताया है। बसपा ने पूर्व ब्लाक प्रमुख इंद्रदेव यादव और कांग्रेस ने परवेज आलम भुट्टो को प्रत्याशी बनाया है। इंद्रदेव के मैदान में उतरने से ललई के यादव वोट बैंक में सेंधमारी का अंदेशा है। सुशीला व राधिका यादव शाहगंज के जेसीज चौराहे पर मिलीं। इन लोगों का कहना था, महंगाई और बेरोजगारी बहुत है लेकिन लोग जातियों पर वोट देते हैं।
बदलापुर में बदलाव की आहट : बदलापुर बाजार में भी सियासत गर्म है। यहां चाय की दुकान पर बैठे पिलकिछा गांव निवासी प्रदीप यादव बोले 'बदलापुर सीट पर सपा-भाजपा में सीधी टक्कर है लेकिन बदलाव तो होना है।' बदलापुर सीट पर भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक रमेश चंद्र मिश्र को मैदान में उतारा है तो सपा ने अपने पूर्व विधायक ओम प्रकाश दुबे बाबा को फिर आजमाया है। मनोज सिंह बसपा तो पूर्व सांसद कमला प्रसाद सिंह की पौत्रवधू आरती सिंह कांग्रेस प्रत्याशी हैं। चाय दुकानदार दयाराम यादव ने कहा, 'प्रत्याशी चाहे जो हो, हम तो सपा के साथ हैं।' वजह पूछने पर बोले 'निराश्रित पशुओं का बहुत आतंक है।' दुकान पर बैठे कृपाशंकर वर्मा तपाक से बोले 'यह गाय-बछड़े भी हमने छोड़े हैं, योगी ने नहीं।'
बेरोजगारी, निराश्रित मवेशी बड़ी समस्या : मुंगराबादशाहपुर में किसका पलड़ा भारी है? सुजानगंज बस स्टैंड पर मिठाई विक्रेता अविनाश चौरसिया से यह पूछते ही उन्होंने कहा कि यहां लड़ाई भाजपा और सपा में है। मतरी गांव के अरुण यादव ने असहमति जताई, 'सरकार महंगाई, बेरोजगारी और निराश्रित पशुओं की समस्या से ध्यान बंटाना चाहती है।' बसपा छोड़ साइकिल पर सवार हुईं मुंगराबादशाहपुर की विधायक सुषमा पटेल अब मडिय़ाहूं सीट से सपा प्रत्याशी हैं और अपना दल एस के डा. आरके पटेल से मुकाबिल।
बंजर में तलाश रहे संभावना : अपने लिए अभी तक बंजर साबित हुई मछलीशहर सुरक्षित सीट पर कमल खिलाने के लिए भाजपा ने अपने जमीनी कार्यकर्ता मेंहीलाल गौतम को मैदान में उतारा है तो सपा ने अजगरा के सुभासपा विधायक कैलाशनाथ सोनकर की पुत्री डा. रागिनी सोनकर को प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने विजय पासी और कांग्रेस ने माला देवी सोनकर को उम्मीदवार बनाया है। मछलीशहर के सुजानगंज चौराहे पर पान खा रहे पराहित गांव निवासी गंगाधर यादव बोले, यहां तो लड़ाई सपा और भाजपा के बीच है। सादिकगंज में बिल्डिंग मैटीरियल कारोबारी आनंद जायसवाल बोले कि यहां तो हिंदू बनाम मुस्लिम है। जब उनसे सवाल हुआ कि प्रमुख दलों ने तो किसी मुस्लिम उम्मीदवार को उतारा नहीं है तो उनके भाई शत्रुघ्न जायसवाल ने तंज किया। यह कहते हुए कि हम लोग सपा को मुस्लिम ही समझते हैं। सुजानगंज चौराहे पर दवा की दुकान पर मिले कोढ़ा गांव के प्रधान जगदीश कुमार जोशीले अंदाज में बोले-मेंहीलाल गौतम हमारी जाति के हैं। भाजपा ने यहां पहली बार गौतम (जाटव) बिरादरी के व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया है। हमारी बिरादरी के लोग मेंहीलाल को वोट देंगे, भाजपा को नहीं।
बदले समीकरण से लड़ाई दिलचस्प : केराकत सुरक्षित सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष है। भाजपा ने अपने वर्तमान विधायक दिनेश चौधरी तो सपा ने पूर्व सांसद तूफानी सरोज को प्रत्याशी बनाया है। डा. लाल बहादुर सिद्धार्थ बसपा और राजेश गौतम कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं बसपा प्रत्याशी की पत्नी अनीता सिद्धार्थ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर दिनेश चौधरी की पत्नी शारदा दिनेश चौधरी ने उनकी कुर्सी हथिया ली। तब सपाई रहे दिनेश अब भाजपा विधायक हैं। बसपा प्रत्याशी की पत्नी अनीता भी भाजपा में है। वह दिनेश चौधरी की प्रस्तावक हैं और जिसने उन्हें गद्दी से उतारा, उसके पति का प्रचार कर रही हैं। जफराबाद सीट पर भाजपा के वर्तमान विधायक हरेंद्र प्रसाद सिंह और सुभासपा के उम्मीदवार पूर्व मंत्री जगदीश नारायण राय के बीच सीधी टक्कर है। साभार जेएनएन।
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रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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