भीलवाड़ा । राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में हिन्दू धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक पुस्तक बाँटें जाने के बाद बवाल पैदा हो गया है। इस पुस्तक का नाम 'हिन्दुइज़्म, धर्म या कलंक' है।
यह पुस्तक एल आर बाली द्वारा लिखी गई है। इसे बाँटने का इल्जाम स्कूल की टीचर निर्मला कामड़ पर लगा है। जिला शिक्षा अधिकारी ने इस पर संज्ञान लेते हुए जाँच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, मामला भीलवाड़ा के आसींद थाना क्षेत्र का है।
यहाँ के एक गाँव रूपपुरा के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल की शिक्षिका निर्मला कामड़ को निलंबित करने की माँग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। सोशल मीडिया पर भी 'हिन्दू धर्म विरोधी टीचर निर्मला कामड़ को गिरफ्तार करो' हैशटैग के साथ ट्रेंड चलाया जा रहा है। धरने पर कई पुरुषों के साथ महिलाएं भी बैठी नज़र आ रही हैं। मौके पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। एक अन्य वीडियो में उसी स्कूल के बताए जा रहे एक छात्र ने बताया है कि, 'वो (शिक्षिका) किताबें बाँटती थी। वो कहती थीं कि ये किताब लो, जो दिमाग में होगा वो निकल जाएगा। वो कक्षा में दूसरे धर्म का प्रचार करती थीं। वो हमें कहती थीं कि ब्रह्मा जी देवता नहीं हैं। ब्रह्मा ने अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म किया है। और राम जी दशरथ की औलाद नहीं हैं।' इस किताब को नागपुर के समता पब्लिकेशंस द्वारा प्रकाशित किया गया है।
इस पूरे घटनाक्रम में ध्यान देने वाली बात यह है कि, हिन्दू बहुल भारत देश में ही हिन्दुओं के खिलाफ जहर उगलने वाले इन लोगों के पीछे कौन हैं ? साथ ही क्या ये किसी अन्य धर्म के खिलाफ ऐसी बातें लिख सकते हैं और अगर लिखेंगे भी तो क्या वे जिन्दा रहेंगे ? क्योंकि दूसरे धर्म में तो सर तन से जुदा वाला कानून चलता है। हाल ही में गुजरात के किशन भारवाड़ की हत्या एक फेसबुक पोस्ट को लेकर की गई थी, कर्नाटक में हर्षा की हत्या भी इसी वजह से हुई। बेअदबी मामले में किसान आंदोलन के दौरान एक शख्स को हाथ-पैर काटकर टांग दिया गया था। क्या हिंदुस्तान में ही अब हिन्दुओं की आस्था का कोई सम्मान नहीं बचा है ? साभार एनटीएल।
फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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