गाजीपुर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बुधवार को सिद्धपीठ हथियाराम मठ पहुंचकर बुढ़िया माई का दर्शन किया।
डॉ. भागवत ने सिद्धपीठ के 26वें पीठाधीश्वर एवं जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति महाराज का आशीवार्द लिया। डॉ. भागवत के हथियाराम मठ पहुंचने पर छात्राओं ने हाथों में जल कलश लेकर स्वागत किया। सरसंघचालक यहां से शाम को वाराणसी लौटेंगे।
हथियाराम सिद्धपीठ सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए जाना जाता है। यह प्राचीन मठ 700 वर्ष पुराना है। ऐसी मान्यता है कि यहां दर्शन करने से लकवा जैसे असाध्य रोगों से भी मुक्ति मिलती है। प्राचीन काल में घने जंगलों के बीच मिट्टी के चौरी के रूप में विद्यमान बुढ़िया माई की चौरी के आसपास हाथियों का झुंड, सिद्ध संतों की साधना स्थली सिद्धपीठ बनी।
इस पीठ के प्रमुख को संत यति संन्यासी कहा जाता है। इस गद्दी की परंपरा दत्तात्रेय, शुकदेव तथा शंकराचार्य से प्रारंभ होती है। मठ का प्रमाण सामान्य जनश्रुति, प्राचीन हस्तलिपि, लिखित पुस्तक तथा भारतीय इतिहास में मिलता है। श्री सिंह श्याम यति से इस पीठ की संत परंपरा प्रारंभ हुई। यह देश की प्रसिद्ध सिद्धपीठों में शुमार है। इस मठ की शाखाएं देश के कोने-कोने में फैली हुई हैं, जिसके लाखों शिष्य हैं।
सूत्रों ने बताया कि डॉ. भागवत पांच दिवसीय प्रवास पर बुधवार को वाराणसी पहुंचे। शहर में लंका स्थित विश्व संवाद केंद्र में कुछ देर रुकने के बाद वे गाजीपुर जिले के जखनिया स्थित हथियाराम मठ के लिए रवाना हुए। डॉ. भागवत जखनिया से शाम को वाराणसी लौटेंगे। रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल होंगे। इसके बाद संघ के काशी प्रांत पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संगठनात्मक चर्चा करेंगे। इसके बाद शुक्रवार को दो सत्रों में काशी प्रांत के प्रचारकों के साथ बैठक करेंगे। शनिवार सुबह पूर्व प्रांत के संगठन श्रेणी (बौद्धिक शिक्षण प्रमुख, प्रांत व्यवस्था प्रमुख) और दोपहर बाद जागरण श्रेणी (प्रांत संपर्क प्रमुख, प्रांत सेवा प्रमुख, प्रांत प्रचार प्रमुख) के साथ बैठक करेंगे। अंतिम दिन 27 मार्च (रविवार) को बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में प्रवासी कार्यकर्ताओं के साथ कुटुंब स्नेह मिलन कार्यक्रम में शामिल होंगे। देर रात वह लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगे।
पांच दिवसीय प्रवास में डॉ. भागवत संगठनात्मक बैठक, कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता और पर्यावरण जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि काशी प्रवास के दौरान संघ प्रमुख शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर विमर्श के साथ काशी प्रांत में शाखा विस्तार, संघ की गतिविधियों और आयामों पर भी बातचीत करेंगे। साभार (हि.स.)।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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