जौनपुर । जौनपुर पुलिस अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चा में बनी रहती है। ऐसे कारनामे शायद ही कहीं देखने या सुनने को मिलें। दुर्घटना के दौरान पुलिसवालों ने ऐसी विवेचना की है कि कोर्ट ने थानाध्यक्ष को ही तलब कर लिया है।
मामला जफराबाद थाने के अंतर्गत हुई एक सड़क दुर्घटना का है। वादी ने पुनः विवेचना के लिए एसीजेएम कोर्ट में 22 जनवरी 2019 को प्रार्थना पत्र दिया। कोर्ट द्वारा विवेचक को तलब किया जा रहा है।
कोर्ट ने थानाध्यक्ष जफराबाद को 12 मई को उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। त्रुटिपूर्ण विवेचना के कारण वादी को न्याय नहीं मिल पा रहा है। 28 अक्टूबर 2017 को इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। दुर्घटना में दो लोगों की मृत्यु हुई थी। पुलिस ने इस मामले में चालक के साथ बैठे व्यक्ति को भी आरोपित बना दिया था। कोर्ट ने इस मामले में एसओ जफराबाद को 12 मई को तलब किया है। वादी द्वारा पुनः विवेचना के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया।
प्रार्थी द्वारा गुहार लगाई गई कि विवेचक ने त्रुटिपूर्ण व संदेहात्मक विवेचना की है। प्रार्थी द्वारा तर्क दिया गया कि क एक बाइक को घटना के समय एक ही व्यक्ति चला सकता है। कोर्ट ने थानाध्यक्ष से जवाब तलब किया है। उसी समय राजेपुर से विपरीत दिशा से आ रही मोटरसाइकिल ने गाड़ी में टक्कर मार दी।
दुर्घटना में भाई और भतीजे की मौत हो गई थी। टक्कर मारने वाली बाइक में दयाशंकर और नितेश सवार थे। उन्हें भी एंबुलेंस के सहारे जिला अस्पताल पहुंचाया गया था। इस मामले में पुलिस ने दयाशंकर और नीतीश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने इस मामले में दोनों व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। यह दौरान विवेचक ने दोनों को अभियुक्त भी बताया। अभियुक्त बताते हुए दोनों के खिलाफ आरोप पत्र भी कोर्ट में दाखिल कर दिया। साभार तरुण मित्र।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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