लखनऊ। यूपी सरकार ने आठ जिलों में घनी आबादी के बीच स्थित जेलों को शहर के बाहर शिफ्ट करने की योजना बनाई है। बदायूं, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, जौनपुर, मुजफ्फरनगर, कानपुर नगर, रामपुर व वाराणसी में पुरानी जेल की जगह नई जेल के निर्माण के प्रस्ताव को कारागार विभाग ने अपनी दो वर्ष से लेकर पांच वर्ष तक की कार्ययोजना में शामिल है।
घनी आबादी के स्थित इन जेलों के कारण अब कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। इसमें बदायूं, शाहजहांपुर व वाराणसी जेल की बंदी क्षमता दो-दो हजार, मुरादाबाद व मुजफ्फरनगर की तीन-तीन हजार, कानपुर नगर की पांच हजार और रामपुर की एक हजार है। घनी आबादी के बीच होने से जेलों की सुरक्षा को लेकर भी खतरा बना रहता है। इसके अलावा नागरिकों को भी दिक्कतें होती हैं। इन जेलों में ओवरक्राउडिंग की समस्या भी है। नई जेल का निर्माण करते समय बंदी क्षमता भी बढ़ाई जाएगी।
कारागार विभाग ने तीन नवसृजित जिलों अमरोहा, संभल व शामली में जेल निर्माण के लिए जमीन खरीदे जाने का प्रस्ताव भी तैयार किया है। इस प्रस्ताव को भी अगले दो से पांच वर्षों में लागू किया जाना है। शासन ने सेंट्रल जेल इटावा को शुरू करने के लिए 332 और बरेली की पुरानी सेंट्रल जेल को फिर शुरू करने के लिए 402 पद सृजित करने का फैसला 100 दिनों के अंदर लिए जाने की तैयारी की है। अमेठी, भदोही, महोबा व हाथरस में भी नई जेल का निर्माण शुरू कराया जाना है। ओवरक्राउडिंग की समस्या से निपटने के लिए बैरकों व एकल कक्षों का निर्माण भी कराया जा रहा है। विभाग ने 100 दिनों में 489 बंदी क्षमता के सृजन का लक्ष्य तय किया है। साभार एचटी।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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