आजमगढ़। यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक निरंतर प्रयासरत हैं लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत बद से बदतर होती जा रही है आजमगढ़ में लगभग अभी तक 60% प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की बात करें जिनके हालात कबाड़ के रूप में हो चुके हैं ऐसा ही एक स्वास्थ्य केंद्र है आज़मगढ़ के फरिहा क्षेत्र स्थित नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जहां की टूटी दीवारें अस्पताल के कबाड़ जैसे हालात टूटी हुई अलमारिया कूड़े का अंबार इसके हालत को बयां कर रहे हैं
सपा सरकार में 50 लाख की लागत से बनाया गया यह अस्पताल 2006 में बनाया गया जो आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है नशेड़ियों जुआड़ियों और जानवरों ने इस अस्पताल को अपना अड्डा बना लिया है सबसे बड़ी हैरत की बात यह है कि यहां पर तैनात डॉक्टर और नर्स आए दिन समय से पहले ही गायब हो जाते हैं और बचे हुए फार्मासिस्ट के भरोसे ही अस्पताल चलाया जाता है कुल मिलाकर कहें तो यह अस्पताल सरकारी स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं और कर्मचारियों की दोनों की पोल खोल रहा है। साभार डीबी।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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