आगरा । जो लोग आगरा की पहचान महज मुगलिया इतिहास के आधार पर समझते हैं उनके लिए ये जरूरी है जानना कि आगरा प्राचीन काल से धार्मिक नगरी रही है। यहां चारों दिशाओं में स्थापित शिवालय इस बात की पुष्टि भी करते हैं।
जिसमें से एक महादेव मंदिर है राजेश्वर महादेव का। जिसका इतिहास जितना पुराना है उतनी ही रोचकता है मंदिर में स्थापित शिवलिंग की।
सुबह सफेद तो रात को गुलाबी
शमसाबाद रोड राजपुर चुंगी स्थित श्रीराजेश्वर महादेव मंदिर 850 वर्ष पुराना है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां जो शिवलिंग स्थापित हैं, वो दिन में तीन बार रंग बदलते हैं। सुबह की मंगला आरती के दौरान सफेद रंग, दोपहर की आरती के दौरान हल्का नीला रंग और शाम की आरती के दौरान गुलाबी रंग का शिवलिंग दिखाई देती है।
इस तरह विराजित हुए महादेव
मान्यता के अनुसार राजाखेड़ा के एक साहूकार इस शिवलिंग को एमपी की नर्मदा नदी से लाए थे। इस शिवलिंग की स्थापना राजाखेड़ा में होनी थी। रात में विश्राम के दौरान वे राजपुर चुंगी क्षेत्र में रुके। उन्हें रात में स्वप्न आया कि भोले बाबा का शिवलिंग यहीं स्थापित करें, लेकिन साहूकार ने स्वप्न पर विश्वास नहीं किया। जैसे ही वे शिवलिंग को बैलगाड़ी से लेकर चलने को हुए, तो बैलगाड़ी खिंच ही नहीं पा रही थी। अचानक शिवलिंग बैलगाड़ी से गिरकर जमीन पर स्थापित हो गया। काफी प्रयास के बाद भी शिवलिंग वहां से नहीं उठा। जिसके बाद इस जगह पर राजेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण हुआ।
सावन में होती है विशेष पूजा
सावन के महीने में मंदिर के पट सुबह चार बजे खुलते हैं। रात 10.30 बजे तक मंदिर खुला रहता है। सामान्य दिनों में दोपहर एक से 3.30 बजे तक मंदिर भगवान के शयन को बंद रहता है। सावन व नवरात्र में मंदिर पूरे दिन खुलता है। सावन के पहले सोमवार को मंदिर पर करीब 300 कांवड़ और करीब 400 कलश जल चढ़ाया जाता है। साभार जेएनएन।
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| राजेश्वर महादेव मंदिर स्थित शिवलिंग |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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