जौनपुर । जिले के सिद्दीकपुर स्थित एक मेडिकल स्टोर और मकान में भारी मात्रा में मिली दवाइयों पर जिला अस्पताल मार्का (मुहर) लगी थी। इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने के बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जांच कर रहे थे।
उन्होंने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित कर दी है। रिपोर्ट में जांच अधिकारी ने तीन फार्मासिस्ट के निलंबन की संस्तुति की है।
इसके साथ ही जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सीएमएस ने अपने दायित्वों का निर्वहन में लापरवाही बरती है।ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को किसी ने सूचना दी थी कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने स्थित आरएम मेडिकल स्टोर संचालक सरकारी अस्पतालों में आपूर्ति की गई दवाओं को नीमहकीम और ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों पर बेचता है।
इस कारोबार में स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारी और अधिकारियों की भी संलिप्तता है। चार जून को छापा मारकर मेडिकल स्टोर और मकान से लाखों रुपये की सरकारी दवा बरामद किया था। मामले में दो लोगों के खिलाफ सरायख्वाजा थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था।
पूरे प्रकरण की जांच के लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हिमांशु नागपाल को जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिन्होंने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित कर दिया है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बताया कि जांच के दौरान पकड़ी गई दवाइयों पर जिला अस्पताल की मुहर लगी थी। इसके साथ ही जांच में जिला चिकित्सालय के फार्मासिस्ट संजय कुमार सिंह, वीरेंद्र मौर्य और अखिलेश कुमार उपाध्याय की संलिप्तता पाई गई है।
मुकदमे की सीडीआर और औषधि निरीक्षक द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना की जा रही है। साथ ही यह भी पाया गया कि जिला अस्पताल में तैनात तीनों फार्मासिस्ट जिला अस्पताल में अभी भी कार्यरत हैं और इनकी आरोपियों से बातचीत हो रही है।
इससे विवेचना प्रभावित हो सकती है। उन्होंने तीनों फार्मासिस्टों को निलंबित करने की संस्तुति की है। साथ ही जिला अस्पताल के सीएमएस डा. अनिल कुमार शर्मा पर सवाल खड़ा किया है कि उन्होंने अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में बड़ी लापरवाही बरती है। साभार ए. यू।
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सांकेतिक चित्र |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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