प्रयागराज । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोपी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है.
हाईकोर्ट ने आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करनी मांग वाली याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस राजेन्द्र कुमार की डिविजन बेंच ने यह फैसला दिया.
हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द करने की मांग वाली याचिका की खारिज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है. लेकिन इस अधिकार का प्रयोग गाली देने या किसी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह व अन्य मंत्रियों के खिलाफ सोशल मीडिया में अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है.
जस्टिस अश्विनी कुमार और जस्टिस राजेन्द्र कुमार की बेंच ने दिया फैसला
कोर्ट ने कहा एफआईआर देखने से संज्ञेय अपराध का खुलासा होता है. कोर्ट ने धारा 504 मे दर्ज प्राथमिकी को रद्द किए जाने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस राजेन्द्र कुमार की डिविजन बेंच ने आरोपी मुमताज मंसूरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है.
जौनपुर जिले में दर्ज कराई गई है एफआईआर
कोर्ट ने पुलिस को नियमानुसार अपराध की विवेचना पूरी करने की छूट दी है. प्राथमिकी जौनपुर जिले के मीरगंज थाने में दर्ज कराई गई है. जिसमें याची पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व अन्य मंत्रियों के खिलाफ फेसबुक पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है. याची ने मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए एफआईआर रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. साभार जी मीडिया।
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उच्च न्यायालय, इलाहाबाद |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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