जौनपुर । जौनपुर के परमार्थ हॉस्पिटल में बुधवार को ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत हुई थी। मौत के प्रकरण में लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हॉस्पिटल का पंजीकरण 116 दिन पहले ही समाप्त हो गया था।
कई अस्पताल ऐसे हैं जिनका पंजीकरण पहले ही समाप्त हो चुका है लेकिन रिन्यूअल कराए बगैर अस्पताल अभी भी संचालित हो रहे हैं।
वहीं जौनपुर में कई डॉक्टर ऐसे हैं जो ऑपरेशन का सामान अपने बैग में लेकर जौनपुर के कई अस्पतालों में ऑपरेशन करते हैं। एक तरफ स्वास्थ्य महकमा जिले में स्वास्थ सुविधाओं की बेहतरी का दावा करता है। वहीं दूसरी तरफ इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
लेकिन जौनपुर के स्वास्थ्य विभाग द्वारा 116 दिन पूर्व समाप्त हुए पंजीकरण के बाद भी चल रहे अस्पताल पर मात्र तालाबंदी की कार्रवाई की गई है। महिला का ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। काजल को पेट में दर्द की शिकायत थी। स्थानीय डॉक्टर की सलाह पर काजल के परिजन उसे इलाज के लिए परमार्थ हॉस्पिटल में लेकर आए।
परिजनों का आरोप है कि बुधवार को ऑपरेशन के दौरान महिला कि मौत हो गई। जब तक परिजन वापस लौट कर उसे परमार्थ हॉस्पिटल पहुंचे तब तक डॉक्टर स्टाफ समेत फरार हो चुका था।
मुख्य चिकत्सा अधिकारी ने इस मामले की जांच के लिए 3 सदस्य की टीम का गठन किया है। परमार्थ हॉस्पिटल का पंजीकरण 1 मई को समाप्त हो गया था। जौनपुर में कई अस्पताल ऐसे हैं जो मानक पूरा किए बगैर बेधड़क चल रहे हैं। इन अस्पतालों के पंजीकरण के लिए डिग्री किसी और डॉक्टर की लगी हुई है तो वहां ऑपरेशन थिएटर में किसी अन्य डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन किया जाता है। साभार टीएम।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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