ऑथर सेलेब्रिटी समूह के टॉप-20 में डॉ बीरबल झा

ऑथर सेलेब्रिटी समूह के टॉप-20 में डॉ बीरबल झा

नई दिल्ली । सेलेबनेटवर्थ ने जानेमाने लेखक डॉ बीरबल झा को भारत के टॉप- 20 सेल्फ-हेल्प ऑथर सेलेब्रिटी समूह में शामिल किया है। शीर्ष स्थान पर दीपक चोपड़ा हैं तो जेबी ग्लोसिंगर का स्थान चैथे नंबर पर है।

डॉ झा की अब तक की सर्वश्रेष्ठ सेल्फ-हेल्प बुक ‘सेलिब्रेट योर लाइफ’ के अलावा ‘स्पोकन इंग्लिश किट’ की लाखों प्रतियां बिक चुकी हैं। इन पुस्तकों को पाठकों ने खूब सराहा है क्योंकि ये उनके लिए काफी उपयोगी साबित हुई हैं। इन पुस्तको का भारतीय युवाओं के जीवन पर सकारात्मक और आशावादी प्रभाव पड़ा है।
अंग्रेजी भाषा-कौशल और अभिव्यक्ति समेत, व्यक्तित्व विकास, जनसंचार, समेत भारतीय संस्कृति जैसे विभिन्न पहलुओं पर डाॅ बीरबल झा ने अब तक 30 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। उनकी बौद्धिक संपदा  की कीमत का आंकलन अरबों में लगाई गयी है, जो उनके खुद की और देश की बड़ी संपत्ति है मानी जाती है।

सामाजिक व व्यावसायिक मोर्चे पर समाज के निचले तबके व जन-जन तक अंग्रेजी भाषा के लाभ को पहुंचाने का श्रेय डॉ बीरबल को जाता है। उन्होंने 1993 में ‘इंग्लिश फॉर ऑल’ का नारा देते हुए समाजिक संस्था ‘ब्रिटिश लिंगुआ’ की स्थापना पटना में की। 

वर्ष 2017 में मशहूर लेखक विवेकानंद  झा द्वारा लिखित ‘द लिविंग लीजेंड्स ऑफ मिथिला’  पुस्तक का प्रकाशन हुआ, जिसमें क्षेत्र की 25 प्रमुख हस्तियों के जीवन रेखाचित्र एवं सामाजिक योगदान का उल्लेख है। जिसमें डॉ बीरबल झा को ‘यंगेस्ट लिविंग लीजेंड ऑफ मिथिला’ की उपाधि से नवाजा गया।   

डॉ बीरबल झा को उनकी सांस्कृतिक पहल - ‘पाग बचाओ अभियान’ के लिए  'पागमैन ऑफ इंडिया' के रूप में भी जाना जाता है। उनके इस अभियान के फलस्वरूप, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2017 में मिथिला की सांस्कृतिक पहचान- पाग पर डाक टिकट जारी किया था।

मिथिला के इतिहास में यह अपनी तरह  का पहला सांस्कृतिक आंदोलन है। डॉ झा के सामाजिक नेतृत्व के तहत क्षेत्र के चार करोड़ से अधिक लोग इस अभियान से जुड़े हुए हैं।

शीर्ष संचार कौशल प्रशिक्षक व ब्रिटिश लिंगुआ के प्रबंध निदेशक के अलावा डॉ बीरबल झा एक प्रसिद्ध लेखक, सामाजिक उद्यमी, गीतकार, भाषाविद्, स्तंभकार, सामाजिक कार्यकर्ता एवं चिंतक हैं।

मिथिला विभूति डॉ बीरबल ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए स्ट्रक्चरल-कम-इंटरएक्टिव मेथड के तहत  अद्वितीय एंड्रागोजिकल मैनुअल-  'इंग्लिश सिम ' तैयार किया। जो कि मील का पत्थर साबित हुआ। जिससे लाखों शिक्षार्थी लाभान्वित हुए और उनकी जीवनशैली बदली।

2009 में बिहार में पहली बार सरकारी हाई स्कूल के शिक्षकों के लिए ‘स्पोकन इंग्लिश एंड कैपेसिटी बिल्डिंग’ प्रशिक्षण कार्यक्रम को कार्यान्वित किया गया जिसकी जिम्मेदारी डॉ बीरबल झा को  दी गयी और उन्होंने एक बेंचमार्क मानक स्थापित किया गया।

डॉ बीरबल झा अपने गृह राज्य बिहार के 30 हजार से अधिक गरीबों को अंग्रेजी शिक्षा और प्रशिक्षण देकर उनके जीवन में उल्लेखनीय परिवर्तन लाने में सफल रहे हैं। उनके इस क्रांतिकारी कदम के परिणामस्वरूप युवा वर्ग की जीवन शैली और उनके करियर-उन्मुख होने में एक महान सामाजिक परिवर्तन हुआ है।

दिल्ली में आयोजित 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी उनकी अहम भूमिका रही। डॉ  बीरबल ने राष्ट्रमंडल खेल के आयोजन को सफल बनाने में जुटे युवाओं को स्पोकन इंग्लिश स्किल्स एवं समाजिक आचार-व्यवहार का प्रशिक्षण प्रदान कर उनके नेतृत्व कौशल को परिष्कृत किया। उनके इस प्रयास की काफी सराहना हुई।

 डॉ बीरबल झा

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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