उच्च न्यायालय ने एक ही मुद्दे को लेकर बार-बार जनहित याचिका दायर करने वाले के ऊपर लगाया 25 हजार रुपये हर्जाना

उच्च न्यायालय ने एक ही मुद्दे को लेकर बार-बार जनहित याचिका दायर करने वाले के ऊपर लगाया 25 हजार रुपये हर्जाना

प्रयागराज । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक ही मुद्दे को लेकर बार-बार जनहित याचिका दायर करने को न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करार दिया है। कहा कि अनुचित लाभ के लिए दुराशय से याचिका दाखिल की गई है।

कोर्ट ने 25 हजार रुपये हर्जाना लगाते हुए याचिका खारिज कर दी है।

हर्जाना राशि एक माह में हाई कोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा करने का आदेश : यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर व न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने रामसूरत पटेल की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने याची को हर्जाना राशि एक माह में हाई कोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा करने का निर्देश दिया है।

जौनपुर नगर पालिका में बन रहे ओवरहेड टैंक निर्माण का मामला : याचिका में जौनपुर नगर पालिका क्षेत्र में बने ओवर हेड टैंकों के निर्माण ठेके के आवंटन में व्यापक घोटाले की जांच कराने की मांग की गई थी। याची की इससे पहले भी ऐसी जनहित याचिका खारिज हो चुकी है।

कोर्ट ने इसे न्‍यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग मानते हुए हर्जाना लगाया : ऐसी याचिका पहले खारिज होने के बाद फिर राजकुमार पटेल के नाम से इसी मुद्दे को लेकर जनहित याचिका दायर की गई जो खारिज हो गई। इसके बाद उसी मांग में पुन: याचिका दायर की गई। इसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया और न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग मानते हुए हर्जाना लगाया है। साभार जेएनएन।

उच्च न्यायालय , इलाहाबाद

रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com

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