वाराणसी । बाहुबली बृजेश सिंह उर्फ अरुण कुमार सिंह को गुरुवार की शाम वाराणसी की सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। बृजेश बीते 14 साल से जेल में थे। उन्हें 21 साल पुराने गाजीपुर के उसरी चट्टी हत्याकांड में हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दी है। यह आदेश जज अरविंद कुमार मिश्रा ने दिया है।
बृजेश सिंह के एडवोकेट सूरज सिंह ने कहा, "बृजेश पर सिर्फ 3 केस में ट्रायल चल रहा है। 2 मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है। सिर्फ यही एक मुकदमा था, जिसमें जमानत नहीं मिली थी।"
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बृजेश सिंह, फाइल फोटो |
दिनदहाड़े मुख्तार अंसारी पर हुआ था हमला
15 जुलाई 2001 को मऊ सदर के तत्कालीन विधायक बाहुबली मुख्तार अंसारी अपने विधानसभा क्षेत्र में जा रहे थे। आरोप है कि दोपहर 12:30 बजे गाजीपुर के मुहम्मदाबाद इलाके की उसरी चट्टी में उनके काफिले पर जानलेवा हमला किया गया। इसमें मुख्तार के गनर सहित 3 लोग मारे गए और 9 लोग घायल हुए थे।
मुख्तार ने बृजेश और त्रिभुवन सिंह को नामजद करते हुए 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने कोर्ट में 4 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इनमें से 2 की ट्रायल के दौरान मौत हो गई है।
ओडिशा से 2008 में हुई थी गिरफ्तारी
चौबेपुर थाना के धौरहरा गांव में बृजेश सिंह रहता था। उसके पिता रवींद्र नाथ सिंह उर्फ भुल्लन सिंह की हत्या जमीन विवाद की रंजिश में 27 अगस्त 1984 को की गई थी। पिता की हत्या का बदला लेने के लिए बृजेश सिंह ने घर छोड़ दिया था। 28 मई 1985 को बृजेश सिंह का नाम धौरहरा के हरिहर सिंह की हत्या में आया था। इसे लेकर बृजेश के खिलाफ चौबेपुर थाने में केस दर्ज हुआ था।
इसके बाद यूपी, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के अलग-अलग थानों में बृजेश के खिलाफ 41 मुकदमे दर्ज हुए। लगभग 23 साल बाद 24 फरवरी 2008 को बृजेश सिंह को ओडिशा के भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया था। साल 2016 के MLC चुनाव में दिए गए शपथ पत्र के अनुसार बृजेश सिंह ने अपने खिलाफ 11 मुकदमे बताए थे।
पत्नी हैं MLC, परिवार का है सियासी रसूख
बृजेश का परिवार वाराणसी और चंदौली में अपने सियासी रसूख के लिए पहचान रखता है। उनके बड़े भाई उदयनाथ सिंह उर्फ चुलबुल सिंह को जिला पंचायत चुनाव की राजनीति का चाणक्य कहा जाता था। वाराणसी सीट से चुलबुल सिंह दो बार MLC रहे हैं। बृजेश की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह भी वाराणसी सीट से दूसरी बार MLC चुनी गई हैं।
2016 में बृजेश जेल में रहते हुए वाराणसी सीट से MLC चुना गया था। बृजेश के भतीजे सुशील सिंह चौथी बार विधायक चुने गए हैं। बृजेश के एक अन्य भतीजे सुजीत सिंह उर्फ डॉक्टर वाराणसी के जिला पंचायत अध्यक्ष रहे हैं।
बृजेश के बाहर आते ही पुलिस की बढ़ेगी टेंशन
बृजेश के जेल से बाहर आते ही पूर्वांचल में गैंगवार की आशंका भी जताई जा रही है। माफिया मुख्तार अंसारी से अपनी अदावत के लिए चर्चित बृजेश सिंह का एक और बड़ा दुश्मन इंद्रदेव सिंह उर्फ बीकेडी है। बीकेडी की तलाश पुलिस 2013 से कर रही है। मौजूदा समय में उस पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित है।
जिस हरिहर सिंह की हत्या का आरोप बृजेश सिंह पर है, वह बीकेडी के पिता थे। इसलिए बृजेश के बाहर आते ही पुलिस की टेंशन भी बढ़ सकती है। साभार डीबी।
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बृजेश सिंह एवं उनकी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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