मेरठ। मेरठ एसओजी के कारनामों की शिकायत आए दिन अधिकारियों के पास पहुंच रही थी। एसओजी (स्पेशल आपरेशन ग्रुप) की टीम द्वारा लगातार वसूली और अवैध तरीके से हिरासत में रखकर लोगों को परेशान करने जैसे गंभीर आरोप लगे थे।
इसी के साथ ही एसओजी टीम और जानी थाने द्वारा पकड़े गए गांजा प्रकरण में लीपापोती की गई। जिसकी जानकारी एसएसपी तक पहुंची तो इस पर जांच बैठा दी गई। लगातार मिली रही शिकायतों के चलते एसएसपी ने देर रात पूरी एसओजी टीम को ही भंग कर सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। इसके साथ ही नई एसओजी का पुन:गठन करते हुए थानों में तैनात पुलिसकर्मियों की तैनाती दी गई है। इस बार एसओजी की पूरी निगरानी का जिम्मा एसपी क्राइम को दिया है। एसओजी से जिन सिपाहियों को लाइन हाजिर किया गया है उनमें दो सब इंस्पेक्टर के अलावा चार सिपाही शामिल हैं। जबकि एसओजी प्रभारी अखिलेश गौड़ को डीसीआरबी भेजा है।
नई एसओजी टीम का प्रभारी लिसाड़ी गेट के एसएसआइ रामफल सिंह को बनाया है। इसके अलावा टीम में पुलिस लाइन से छह सिपाही, पांच थानों से एक-एक सिपाही को एसओजी में भेजा गया है। बता दें कि जानी पुलिस और एसओजी ने संयुक्त रूप से गांजा पकड़ा था। थाने में दर्ज कराई फर्द में एसओजी टीम से एसआइ धर्मेंद्र शर्मा और सिपाही कुर्बान को दिखाया गया है। जबकि शादी में हर्ष फायरिंग का वीडियो वायरल होने के बाद एसएसपी ने कुर्बान को लाइन हाजिर कर दिया था। इसके बावजूद कुर्बान एसओजी के लिए काम कर रहा है। जानी थाने की जीडी में कुर्बान की आमद बतौर एसओजी के सिपाही के रूप में दर्ज हुई है।
एसओजी के नए प्रभारी पर वाहन चोर नवाब का मुकदमे से नाम निकालने के लिए हुई सौदेबाजी के आरोप लगे थे। कप्तान को सूचना मिली थी कि दो मुकदमों से नवाब का नाम निकालने के लिए लिसाड़ीगेट पुलिस ने साढ़े तीन लाख की मांग की है। इसके बाद एसओजी ने नवाब को मुठभेड़ के बाद दबोचा था। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि एसओजी की पूरी टीम की निगरानी की जाएगी। अफसरों की जानकारी में मामला आने के बाद ही दबिश डाली जाएगी। साभार आरबी।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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