आजमगढ़ । जिले के बूढ़नपुर में नाली पर अवैध कब्जे के खिलाफ एक समाजसेवी ने आवाज उठाई थी। मामला प्रशासन तक पहुंचा तो दोनों पक्षों में सहमति भी बनने लगी। इस बीच पुलिस ने समाजसेवी के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया। पीड़ित ने एसडीएम से कार्रवाई की गुहार लगाई है। एसडीएम मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
बूढ़नपुर तहसील क्षेत्र के बस्ती भुजबल गांव निवासी समाजसेवी लक्ष्मी चौबे द्वारा आज उपजिलाधिकारी बूढ़नपुर नवीन प्रसाद को एक ज्ञापन सौंपा गया। उन्होंने बताया कि सैकड़ों वर्ष पुराने नाले पर एक व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है। इसकी शिकायत मेरे द्वारा सैकड़ों बार तहसील प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक की गई।
समाजसेवी ने की थी भूख हड़ताल
समाजसेवी का आरोप है कि जब बात नहीं बनी तो मेरे द्वारा भूख हड़ताल भी की गई। लगातार दो दिन भूख हड़ताल करने के पश्चात तीसरे दिन तहसील प्रशासन द्वारा नाले से कब्जा हटवाने का आश्वासन दिया गया। उस दौरान जब सुलह समझौता हुआ तो दोनों पक्ष राजी हो गए। इस बीच तत्कालीन थानाध्यक्ष ने विपक्षी से मिलकर के मेरे ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया।
2 गांव हो जाते हैं जलमग्न
नाले पर अवैध रूप से अतिक्रमण हो जाता है तो 2 गांव बसहीऔर बनकट पूरी तरह से जलमग्न हो जाते हैं। अहरौला से कप्तानगंज जाने वाली सड़क पर बरसात के समय में यातायात बाधित हो जाता है। इसे लेकर के समाजसेवी लक्ष्मी चौबे ने ग्रामीणों की मदद से विरोध प्रदर्शन से लेकर के भूख हड़ताल तक का रास्ता अख्तियार किया। प्रशासन को ग्रामीणों की मांग के आगे झुकना पड़ा।
एसडीएम बोले-मामले की होगी जांच
वह उसके बाद विपक्षी से मिलकर के तत्कालीन थानाध्यक्ष ने समाजसेवी लक्ष्मी चौबे को फर्जी मुकदमे में फंसा दिया। समाजसेवी लक्ष्मी चौबे ने क्षेत्राधिकारी बुढ़नपुर सिद्धार्थ तोमर से न्याय की गुहार लगाई। उपजिलाधिकारी नवीन प्रसाद ने बताया कि यह जांच का मामला है, दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। अगर समाजसेवी दोषमुक्त पाए जाते हैं तो इन्हें मुकदमे से बरी कर दिया जाएगा ।
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समाजसेवी लक्ष्मी चौबे |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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