कानपुर । उत्तरप्रदेश के कानपुर पनकी में पांडु नदी के पुल ने नीचे शुक्रवार देर रात को साया जैसा कुछ दिखाई दिया। पास जाकर देखा तो एक विक्षिप्त जंजीर से बंधा हुआ मिला।
जिसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस पुल के नीचे उतरी और जंजीर काटकर रस्सी के सहारे उसे बाहर निकाला। युवक ने डेढ वर्ष पहले भी खुद को इसी पुल के नीचे बांध लिया था। तब भी पुलिस ने इसे मुक्त कराया था। विक्षिप्त को देखने के बाद आसपास डर का माहौल बन गया था।
शुक्रवार देर रात कपली मोड़ पर खड़े पीआरवी 2051 के कमांडर विजय कुमार, सब कमांडर वीरेंद्र कुमार व चालक शिव प्रबल प्रताप सिंह ने पास में स्थित पांडु नदी पुल के नीचे से किसी के चीखने की आवाज सुनी। मौके पर पहुंची पुलिस टॉर्च की रोशनी में नदी में उतरकर पिलर तक पहुंची, जहां पिलर के गाटर पर जंजीर से बंधे युवक को देख पुलिस के होश उड़ गए। किसी तरह जब पुलिस युवक के पास पहुंची, तो युवक गाली गलौज करते हुए पुलिस पर ही हमलावर हो गया। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने उसे काबू कर पैरों में बंधी जंजीर खोलकर रस्सी के सहारे बाहर निकाला।
पूछताछ में युवक ने अपना नाम बिहार के समस्तीपुर निवासी पवन बताया। युवक के मुताबिक उसके पिता राजू सैनी ने लगभग दो वर्ष पहले उसे कहीं ले जाकर छोड़ दिया था। जिसके बाद वह भटकते हुए चकरपुर मंडी आ गया, जहां वह पल्लेदारी करने लगा। उसे बहता हुआ पानी देखना अच्छा लगता है। इसी के चलते पुल के नीचे पहुंच कर उसने खुद को बांध लिया था। पनकी इंस्पेक्टर अंजन कुमार सिंह ने बताया कि युवक मानसिक विक्षिप्त है। करीब डेढ़ वर्ष पहले भी युवक ने खुद को इसी पुल के नीचे जंजीर से बांध लिया था। उस दौरान सचेंडी पुलिस ने उसे मुक्त कराया था। युवक की अजीब सी हरकतों को देख उसे बाल संरक्षण गृह भेजा गया है।
पांडु नदी पुल के नीचे से पानी पिलाओ-पानी पिलाओ की आवाज सुनकर पहुंची पुलिस युवक की हालत देखकर उसे भूत समझ चीखते हुए वहां से भाग खड़ी हुई। मामले की जानकारी पर पहुंचे इंडस्ट्रियल एरिया चौकी प्रभारी सतीश कुमार सिंह ने मौके पर पहुंचकर युवक से बातचीत की। जिसके बाद युवक द्वारा गुहार लगाने पर पुलिस को उसके इंसान होने का एहसास हुआ। साभार आईबीसी24.
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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