गाजीपुर। करंडा पुलिस ने पच्चीस हजार की इनामिया गबन की आरोपी पूर्व प्रधान सावित्री देवी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी महिला ग्राम प्रधान पिछले 2 साल से फरार चल रही थी और कुर्की होने के बावजूद न ही गिरफ्तार हो पाई थी और न ही कोर्ट में हाजिर हो पाई, जिसकी पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही थी।
2015-20 में करंडा के गोशंदेपुर की प्रधान रही सावित्री देवी पर उनके कार्यकाल के आखिरी समय दिसम्बर 2020 में ही 83 लाख रुपये से भी अधिक के गबन के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमा दर्ज होने के कुछ दिन बाद ही सावित्री फरार हो गयी थीं। पुलिस ने गिरफ्तारी का बहुत प्रयास किया लेकिन पुलिस की पकड़ से बाहर रही।
कुर्की के बाद भी नहीं हुई पेश
उसके विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई भी हुई लेकिन पूर्व प्रधान सावित्री को न तो पुलिस ही पकड़ सकी और न ही उसने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया। उसी दौरान प्रशासन ने उसपर पच्चीस हजार का इनाम भी घोषित कर दिया गया, लेकिन वह गिरफ्तारी से बचती रही।
कर्नल की RTI से हुआ था गबन का खुलासा
आखिरकार क्राइम ब्रांच और करंडा पुलिस के संयुक्त प्रयास से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गांव के ही सेना के अधिकारी कर्नल राजेश सिंह ने गांव के विकास में उदासीनता से दुखी होकर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी जिसमें बड़ी अनियमितता दिखी।
गांव में विकास न कराने का आरोप
गांव के ही नीरज सिंह, प्रभात सिंह आदि ने बताया कि प्रधान रहते सावित्री ने गांव में कोई विकास कार्य नहीं कराया बल्कि बिना नाली, खड़ंजा और शौचालय बनाये ही सारा पैसा निकाल लिया, जब भी किसी ग्रामीण ने विरोध किया। प्रधान के पुत्रों और गुर्गों ने उनके साथ गाली गलौज और मारपीट की। इसी डर से गांव के अधिकांश लोग उसके विरुद्ध बोलने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाते थे।
2020 में हुई थी कार्यों की जांच
बहुत दिनों तक उसके कराये गये कार्यों का विवरण भी सूचना के अधिकार के तहत मांगा, आखिर में वर्ष 2020 में कार्यों की जांच हुई और उसके विरुद्ध 83 लाख से अधिक गबन का मामला सामने आया और फिर मुकदमा पंजीकृत हुआ। अब उसकी गिरफ्तारी के बाद गांव के लोगों को न्याय की आस जग गयी है। साभार डीबी।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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