जौनपुर। जिले के ग्रामीण महिलाओं को मशरुम की खेती से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में एक नयी पहल की गयी है। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विध्यालयों में मध्यान भोजन में मशरूम आपूर्ति के लिए जिले के धरमापुर कृषक फार्मर प्रोडूसर कंपनी लिमिटेड एवं जिला शिक्षा विभाग के मध्य एमओयू हस्ताक्षरित किए जाने के प्रश्चात केराकत ब्लाक के चिंहित 10 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विध्यालयों में मध्यान भोजन में मशरुम को शामिल कर लिया गया।
मुख्य विकास अधिकारी सांई सीलम तेजा बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. गोरखनाथ पटेल की मौजूदगी में इसका गुरुवार को शुभारम्भ किया गया। बीएसए ने बच्चो के साथ बैठकर भोजन किया एव इस मौके पर उन्होंने कहा की मशरूम में पोष्टिक तत्वों की प्रचूरता होती है, अत: इसके मध्यान भोजन में सम्मिलित होने से बच्चों को पोष्टिक आहार भी मिलेगा वही किसानों की आय दोगुनी होगी। जिले में किसानों के मशरूम की आपूर्ति एफपीओ के माध्यम से विद्यालयों को की जाएगी। इसके साथ ही साथ एफपीओ मशरूम का मूल्य संवर्धन करते हुए सदस्यों को बेहतर मार्केट दिलाने में प्रमुख भूमिका निभएगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. गोरख नाथ पटेल ने कहा कि पहले चरण में जनपद के केराकत ब्लाक के 10 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विध्यालयों को जोड़ा गया है जिससे कुल 1701 बच्चे लाभान्वित होंगे। केराकत ब्लाक को मशरुम ब्लाक के रूप में विकशित करने की योजना है।
ब्लाक में योजना के सफल संचालन के उपरांत जिले के अन्य विकास खण्डों में भी मशरूम आपूर्ति पर विचार किया जायेगा। इस मौके पर बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन, कृषि विभाग तकनीकी सपोर्ट इकाई के प्रदीप कुमार ने कहा की किसान शशक्तिकरण की दिशा में तकनिकी सप्पोर्ट देकर किसानो को पारंपरिक खेती के साथ मशरुम उत्पादन कर के आमदनी बढ़ाने की योजना है। जौनपुर पुरे मंडल का प्रथम ऐसा जनपद है जहा इसकी सुरुवात हो रही है।
धरमापुर कृषक फार्मर प्रोडूसर कंपनी लिमिटेड की मुखकार्यकारी संध्या सिंह ने बताया मशरुम में पौष्टिक तत्व प्रचुर मात्रा में होती है जिसे कम लागत में उत्पादन किया जा सकता है। इस मौके पर डीसी एम.डी.एम अरुण कुमार मौर्य, खण्ड शिक्षा अधिकारी मुकेश कुमार, सुधीश कुमार, शैबाल पाल आदि उपस्थित थे। साभार एचटी।
फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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