जौनपुर । अपने लिए तो सब जीते हैं लेकिन जो खुद के साथ दूसरों के लिए भी जिंदगी जीते हैं वो इंसान महान होते हैं”। एक प्रेरणात्मक पंक्ति भी कहीं गई है कि “दूसरों के लिए जीना हीं सच्चा जीना है”। ये लोग धरती पर किसी फरिश्ते से कम नहीं।
आज के इस लेख में हम आपको ऐसे महान व्यक्ति के बारे में बताएंगे जिन्होंने परोपकार को अपनी जिंदगी का मुख्य लक्ष्य बनाया था। वे लोगों के बीच बेहद चर्चित रहे हैं और मसीहा का रूप ले चुके हैं। आईए जानते हैं उस शख्शियत के बारे में…
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स्वर्गीय दिनेश सिंह, फाइल फोटो |
जौनपुर के बक्शा थाना क्षेत्र के बीरभानपुर गांव में जन्मे दिनेश सिंह जो कि अद्वितीय प्रतिभा के धनी रहे,उनका जन्म लगभग 4 अगस्त 1958 को एवं मृत्यु 20 दिसंबर 2020 को हुआ था। वो एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता स्वर्गीय समारजीत सिंह जो की उस समय के क्षेत्र के सबसे पढ़े लिखे व्यक्तियों में शुमार थे, उनकी शिक्षा दीक्षा वाराणसी के बीएचयू से हुई थी। श्री सिंह के पिता ने गांव में एक स्कूल का निर्माण कराया जो आज पास के लोगों को शिक्षित करने में बहुत योगदान दिया। बचपन से ही दिनेश सिंह अपने पिता के पदचिन्हों पर चलना शुरु कर दिया था। आगे चलकर उन्होंने पिता से सिख लेते हुए गांव में अपने पिता समरजीत सिंह के नाम से ही महाविद्यालय का निर्माण कराया।
आज उस गांव में इंटर कॉलेज, महा विद्यालय, बीटीसी कॉलेज एवं जल्द ही फार्मेसी कॉलेज भी खुल जायेगा। जिससे आस पास के बच्चो को बेहतर शिक्षा प्राप्त हो सकेगा। इन सबके बनने मे दिनेश सिंह का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
आज के दिन 20 दिसंबर 2020 को उनका देहांत हो गया था। वो भले ही हमारे बीच नहीं हैं फिर भी हम उनके द्वारा किए गए सराहनीय कार्य को याद करते हैं।
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स्वर्गीय दिनेश सिंह 4 अगस्त 1958_20 दिसंबर 2020 |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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