जौनपुर। करीब आठ साल पहले फावड़े के बेंत से गला दबाकर बहन की हत्या करने वाले आरोपी भाई को दोषी पाते हुए जनपद न्यायाधीश वाणी रंजन अग्रवाल की अदालत ने शनिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
दोषी पर 15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। उसने बहन की हत्या करके शव को भी जला दिया था। उसके बाद खुद थाने जाकर मुकदमा दर्ज कराया था।
अधिवक्ता के अनुसार, खुटहन थाना क्षेत्र के फतेहगढ़ गांव में अविवाहित बहन की हत्या करने एवं साक्ष्य छिपाने के मामले में दोषी प्रदीप सिंह को आजीवन कारावास एवं 15,000 के अर्थदंड की सजा सुनाई गई।
आरोपी प्रदीप सिंह ने ही खुटहन थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि छह अक्तूबर 2014 की शाम करीब छह बजे उसकी बहन अर्चना सिंह (18) ने घर के अंदर कमरे का दरवाजा बंद करके आग लगाकर खुदकुशी कर ली। जब वह पहुंचा तो दरवाजा पैर से मारकर खोला। देखा वह अंदर जलकर मृत अवस्था में पड़ी थी। मिट्टी के तेल की बदबू आ रही थी।
पुलिस की विवेचना में पता चला कि प्रदीप सिंह ने ही फावड़े की लकड़ी यानी बेंत से गला दबाकर अर्चना की हत्या की। आरोपी साक्ष्य छिपाने के लिए उसके शव पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दिया। प्रदीप सिंह की निशानदेही पर फावड़े की लकड़ी कमरे के अंदर से बरामद हुई। पुलिस ने कोर्ट में केस डायरी दाखिल की। जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल सिंह कप्तान ने गवाहों का बयान कोर्ट में अंकित कराया। न्यायालय ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर प्रदीप को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।साभार ए. यू।
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सांकेतिक चित्र |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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