जौनपुर। डीएम अनुज कुमार झा ने कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को 50 लाख से ऊपर योजनाओं और विकास कार्यों के प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ लक्ष्मी सिंह को निर्देशित किया कि एक लाख आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए कार्य योजना तैयार करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे गांव चिन्हित किये जाएं, जिनमें पात्र लाभार्थियों की संख्या अधिक हो और आयुष्मान कार्ड कम बने हों। सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज की संख्या बढ़ाएं। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के निर्माण प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि यूपीपीसीएल की ओर से दो एवं आरईएस से दो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर मार्च तक पूर्ण कर हैंडओवर कराना सुनिश्चित करें।
सामुदायिक शौचालयों की समीक्षा करते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया कि जहां पर सामुदायिक शौचालय खोले जा सकते हैं उसका सर्वे कर लें।
जिलाधिकारी ने नई सड़कों के निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए अधीक्षण अभियन्ता पीडब्ल्यूडी को निर्देशित किया कि मार्च महीने तक निर्माण कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण कराएं और विवादित सड़क के मामले निस्तारित कर निर्माण कराएं।
निराश्रित गो-आश्रय स्थल की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि सभी गो-शालाओं में एडीओ पंचायत, सचिव एवं पशु चिकित्सा अधिकारी के द्वारा संयुक्त रूप से जांच की जाए और आवश्यक सुविधाओं जैसे भूसा, हरा चारा, चोकर एवं बारिश को देखते हुए अभी से तैयारी कर ली जाए।
परियोजना निदेशक जयकेश त्रिपाठी को निर्देश दिया कि गलत खाते में पैसे भेजने वालों की जांच करते हुए कार्यवाही की जाए।
जिलाधिकारी ने मत्स्य पालन की समीक्षा की। कहा कि सभी तहसीलों में विस्तृत अध्ययन करते हुए नीलामी के बाद कितने पट्टे स्वीकृत हुए हैं अवगत कराएं।
इस अवसर पर सीडीओ साईं तेजा सीलम, जिला विकास अधिकारी बीबी सिंह, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी आरडी यादव, उपायुक्त मनरेगा भूपेन्द्र सिंह, जिला सूचना अधिकारी मनोकामना राय सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
अस्पताल में मरीजों के चादर रोस्टर के तहत बदलें
जौनपुर। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सीएमएस पुरुष को निर्देशित किया कि जिला अस्पताल में दवाओं की उपलब्धता एवं रख-रखाव की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त की जाए। उन्होंने सीएमएस को निर्देशित किया कि अस्पताल में मरीजों के चादर रोस्टर के अनुसार बदलना सुनिश्चित करें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कहा कि जिन आशाओं की सरकारी अस्पतालों में कराए गए प्रसव की संख्या जीरो है उन पर कठोर कार्रवाई की जाए। साभार एचटी।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
a.singhjnp@gmail.com
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