लखनऊ । मदर्स डे दिवस पर अंकित शुक्ला के द्वारा संचालित वृद्धजन आश्रम में समारोह आयोजित कर सभी माताओ के साथ अच्छा खान-पान एवंम सेवा कि जिससे माताओ को ऐसा न महसूस कि हम वृद्ध आश्रम में है अंकित शुक्ल ने कहा कि माता-पिता की सेवा करने से समाज में अलग पहचान मिलती है और उपेक्षा करने वालों को वही समाज दृष्टि से देखकर अपमानित भी करता है अभी कुछ नहीं बिगड़ा है सुबह की नाराजगी शाम तक भुलाना ही सबसे बड़ी समझदारी होती है अंकित शुक्ला ने बताया कि आज के दौर में मानव जीवन मोक्ष को प्राप्त करने के लिए कभी इस देवालय तो कभी उस शिवालय में दस्तक दिया जाता है लेकिन घरों में साक्षात ईश्वर का रुप लेने वाले माता-पिता की सुधि कोई नहीं ले पाता जो स्वयं परमेश्वर हैं। इतिहास गवाह है कि बड़े बुजुर्गों की उपेक्षा करने वाला कभी राजसुख नहीं भोग सका है और जिसने भी अपने घर के साथ-साथ राह भटकते बुजुर्ग की सेवा में कदम बढ़ाया वह परमसुख का हकदार बना सभी पुत्रों को चाहिए कि वह माता-पिता की सेवा करे और न करने पर समाज कपूत की उपाधि देने में देर नहीं करेगा अकसर देखा जा रहा है कि माता-पिता अपना सबकुछ गवांकर पुत्रों को उस काबिल बना देते हैं कि बुढ़ापे में सुख मिलेगा लेकिन सेवाभाव के मार्ग से भटक चुका पुत्र लाचार माता-पिता को आश्रमों की राह दिखा देता है जो उचित नहीं है। बढ़ती उम्र के साथ वही लाचारी को जब अपने पर देखा जाय तो होने वाली गलतियों का पश्चात होने लगता है अंकित शुक्ला ने आश्रम में और सुविधाओं को मुहैया कराने का संकल्प लेते ही वृद्धजनों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा और वृद्धजनों ने अंकित शुक्ला की प्रशंसा की कहा कि ऐसे नेक और इतनी छोटी उम्र में इतने इतने बड़े काम करना बहुत खुशी की बात होती है क्योंकि जिस तरह की सेवा करते हैं जितनी भी सराहना की जाए कम है इस मौके पर मनोज शुक्ला मोहित शुक्ला अश्वनी अंकुश आदित्य अक्षय शुभम रोहित निहाल रानू अमन अन्य मौजूद रहें।
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फाइल फोटो |
रिपोर्ट: अमित कुमार सिंह
जर्नलिस्ट
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